पटना: बिहार पिछले 10 दिनों में 12 पुल और पुलिया ध्वस्त हो गए है। पिछले दो सालों में देखे तो राज्य में दो बड़े पुल गिर गए है। इन पुलों में कई निर्माणाधीन पुल है तो कई पुल-पुलिया पुराना होने की वजह से ध्वस्त हो गया तो कई पानी के दवाब को झेल नहीं सका और पानी में ही बह गया।
बिहार के छपरा में एक और पुल बारिश में ध्वस्त हो गया pic.twitter.com/FajezNDsZL
— Live Dainik (@Live_Dainik) July 4, 2024
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बिहार में लगातार पुल के गिरने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। अधिवक्ता ब्रजेश सिंह ने कोर्ट में रिट याचिका दाखिल कर राज्य में मौजूद और हाल के वर्षो में हुए छोटे बड़ें पुलों के सरकारी निर्माण का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का आदेश देने की गुहार लगाई है। इसके अलावा पुल सहित सरकारी निर्माण की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए एक समुचित व्यवस्था सुनिश्चत करने के लिए एक नीति और उसके परिचालन के लिए गाइड लाइन तैयार करने का आदेश देने की गुहार लगाई है। याचिका में पिछले दो सालों में दो बड़े पुलों और छोटे, मझोले कई पुलों के निर्माणाधीन या बनने के फौरन बाद गिरने, ढहने और बहने की घटनाओं का जिक्र किया गया हैं. याचिका में कहा गया है कि बिहार बाढ़ प्रभावित राज्य है, यहां 68,800 वर्ग किलोमीटर यानी 73.6 फीसद भू-भाग भीषण बाढ़ की चपेट में आता है ।
वही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी पुल बहने को लेकर सरकार पर तंज कसते हुए पोस्ट किया है कि 𝟒 जुलाई यानि आज सुबह बिहार में एक पुल और गिरा।कल 𝟑 जुलाई को ही अकेले 𝟓 पुल गिरे।𝟏𝟖 जून से लेकर अभी तक 𝟏𝟐 पुल ध्वस्त हो चुके है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन उपलब्धियों पर एकदम खा़मोश एवं निरुत्तर है। सोच रहे है कि इस मंगलकारी भ्रष्टाचार को जंगलराज में कैसे परिवर्तित करें
सदैव भ्रष्टाचार, नैतिकता, सुशासन, जंगलराज, गुड गवर्नेंस इत्यादि पर राग अलपा दूसरों में गुण दोष के खोजकर्ता, कथित उच्च समझ के उच्च कार्यकर्ता, उन्नत कोटि के उत्कृष्ट पत्रकार सह पक्षकार तथा उत्तम विचार के श्रेष्ठ लोग अंतरात्मा का गला घोंट इन सुशासनी कुकृत्यों पर चुप्पी की चादर ओढ़ सदाचारी बन चुके है।