झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के दौरे से पहले साफ-सफाई और सड़क पर चूना छिड़कने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो ने प्रशासनिक प्राथमिकताओं पर सवाल उठाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन की जमकर आलोचना की। इस घटना को संवेदनहीनता का प्रतीक बताया जा रहा है, खासकर अस्पताल में हुए दस नवजात शिशुओं की मौत के बाद।
बच्चों की मौत के बाद VIP लोग घड़ियाली आंसू बहाने वाले थे.
उनके आने से पहले चूना छिड़का गया।#झांसी_मेडिकल_कॉलेज pic.twitter.com/VYw46YpolA— Suraj Maurya (@SurajMaurya27) November 16, 2024
सोशल मीडिया पर जनता और राजनीतिक दलों की कड़ी प्रतिक्रिया
वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर सरकार की निंदा शुरू हो गई।
झांसी अग्निकांड– 😢
जरा इस बिलखते माँ-बाप को देखिए रोंगटे खड़े हो जायेगे , इनका कहना है हमारा बच्चा नही मिल रहा है , कौन है इनका गुनहगार?#Jhasi pic.twitter.com/3zbdefWNaH
— Pankaj Tiwari । पंकज तिवारी (@pankaj_cktd) November 16, 2024
कांग्रेस पार्टी ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए इसे “बेशर्मी का उदाहरण” कहा। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज आलम ने बयान जारी करते हुए कहा, “जब परिवार अपने बच्चों की मौत पर रो रहे थे, तब उपमुख्यमंत्री के स्वागत के लिए सड़क पर चूना छिड़ककर साफ–सफाई हो रही थी। यह सरकार की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। यह घटना भाजपा सरकार की प्राथमिकताओं को उजागर करती है, जो केवल प्रचार पर आधारित है।”
यूपी के झांसी मेडिकल कॉलेज में लगी भीषण आग
NICU में भर्ती 10 बच्चों की मृत्यू
37 बच्चों का रेस्क्यू,16 की हालत गंभीर
सिलेंडर फटने से शिशु वार्ड में लगी आग#jhasi #झांसी #Jhansi #JhansiMedicalCollege #BreakingNews @sun4shiva pic.twitter.com/CrQEsNcQNS— Nitesh Gupta (@NiteshJrGupta) November 16, 2024
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक बयान में लिखा, “एक तरफ नवजात शिशुओं की मौत हो रही है और दूसरी तरफ उपमुख्यमंत्री के स्वागत की तैयारियां की जा रही हैं। परिवारों का कहना है कि परिसर में फैली गंदगी को केवल मंत्री के दौरे से पहले साफ किया गया। यह शर्मनाक है।”
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का बयान और कार्रवाई का निर्देश
इस विवाद के बाद, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने घटना का संज्ञान लिया और झांसी के जिलाधिकारी को जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने एक वीडियो बयान में कहा, “मेरे मेडिकल कॉलेज दौरे से पहले परिसर में चूना छिड़कते देखा गया। यह निंदनीय और चौंकाने वाला है। मैं जिलाधिकारी से अपील करता हूं कि इस गतिविधि के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई करें।”
फायर सेफ्टी को लेकर भी हुआ विवाद
मीडिया में यह दावा किया गया कि झांसी मेडिकल कॉलेज में अग्निशमन यंत्र खराब या एक्सपायर थे। हालांकि, उपमुख्यमंत्री ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा, “फरवरी में कॉलेज में फायर सेफ्टी ऑडिट हुआ था और जून में मॉक ड्रिल की गई थी। सभी अग्निशमन उपकरण ठीक थे, और हमारे डॉक्टर और बचाव दल ने बच्चों को बचाने के लिए बहादुरी से काम किया।”
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर ने भी अग्निशमन यंत्रों के खराब होने के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा, “कॉलेज में 146 अग्निशमन यंत्र हैं, जो समय–समय पर ऑडिट किए जाते हैं। घटना के समय एनआईसीयू वार्ड का अग्निशमन यंत्र भी इस्तेमाल किया गया। यह दावा पूरी तरह गलत है कि यंत्र खराब थे।”
निष्कर्ष
इस घटना ने प्रशासन और सरकार की प्राथमिकताओं पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। जहां एक तरफ हादसे के पीड़ित न्याय और राहत की उम्मीद कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रशासनिक तैयारियों का यह वीडियो आम जनता के गुस्से का कारण बन गया है।