रांची : झारखंड बीजेपी में आपसी खींचतान का अखाड़ा बन रहा है संताल परगना। बीजेपी के दो बड़े नेता एक दूसरे के खिलाफ लामबंदी कर रहे है। आपसी बयानबाजी के बाद अब सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे को चिढ़ा रहे है।
गोड्डा लोकसभा सीट से सांसद निशिकांत दूबे और सारठ विधानसभा सीट से विधायक और पूर्व मंत्री रणधीर सिंह ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा बंदी शुरू कर दी है। गुरूवार को निशिकांत दूबे सबसे पहले सारठ सीट से ही पूर्व विधायक और रणधीर सिंह के राजनीतिक प्रतिद्वंदी उदयशंकर सिंह उर्फ चुन्ना बाबू से मिलने पहुंचे। बीमार चल रहे चुन्ना बाबू से निशिकांत ने मुलाकात की और उसकी तस्वीर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर डाला।
उसके ठीक बाद रणधीर सिंह ने मधुपुर से पूर्व विधायक राज पालीवाल से मुलाकात की तस्वीर अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर डाला। राज पालीवाल और निशिकांत दूबे अभी देवघर की राजनीति में दो ध्रुव है। माना जाता है कि मधुपुर सिंह से राज पालीवाल का टिकट निशिकांत दूबे ने ही कटवाया था और दूसरी पार्टी से आये उम्मीदवार को टिकट थमा दिया था।
राज पालीवाल के बाद अब रणधीर सिंह ने निशिकांत दूबे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार के बाद चंपाई सोरेन की सरकार आने के बीच निशिकांत द्वारा दिये जाने वाले बयान को लेकर रणधीर सिंह ने निशिकांत दूबे पर जमकर निशाना साधा था और कहा था कि उनके इस बयानबाजी से पार्टी और कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरता है और बीजेपी को इससे नुकसान हुआ है। वो पार्टी के सांसद है मालिक नहीं, उन्हे राज्य के राजनीति में दखल नहीं देना चाहिए, सांसद है तो केंद्र की राजनीति करें। इसके बाद निशिकांत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बिना रणधीर सिंह का नाम लिये कहा था कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक याद रखें मैने जो कहा है आगे आने वाले समय में झारखंड की राजनीति में यही होने वाला है।
निशिकांत दूबे और रणधीर सिंह के बीच चल रहे इस शीत युद्ध का नुकसान जरूरत बीजेपी को खासकर संताल के इलाके में दिख सकता है। हालांकि माना जाता है कि निशिकांत दूबे का गोड्डा, देवघर और दुमका के इलाके में अच्छी पकड़ है और उनके साथ राजनीतिक लड़ाई लड़ने वाले बीजेपी में हासिये पर चले जाते है जैसा अभी राज पालीवाल के साथ होता दिख रहा है।