रांची: मंत्री आलमगीर आलम के ओएसडी संजीव लाल और जहांगीर आलम से ईडी की टीम ने बुधवार को पूछताछ शुरू की और इसके बाद जांच के दायरे में सबसे पहले आया झारखंड मंत्रालय। ईडी की टीम संजीव लाल और जहांगीर को लेकर एपीपी बिल्डिंग में ग्रामीण विकास विभाग के दफ्तर पहुंची जहा मंत्री के ओएसडी संजीव के कमरे की जांच प्रवर्तन निदेशालय की टीम कर रही है। ग्रामीण विकास विभाग का दफ्तर प्रोजेक्ट भवन में है जहां मंत्री आलमगीर आलम बैठते है। दूसरा भवन एपीपी बिल्डिंग में है जहां विभागीय सचिव, अधिकारी और कर्मचारी काम करते है। ईडी की इस कार्रवाई के बाद प्रशासनिक महकमें के साथ साथ राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।
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ईडी को जानकारी मिली है कि झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग में भ्रष्टाचार और ठेकों से कमीशन के नाम पर उगाही का पैसा संजीव लाल जो मंत्री के ओएसडी है उनतक पहुंचता था। ईडी की टीम इसे मामले में और साक्ष्य जुटाने के लिए पहली बार झारखंड मंत्रालय के अंदर गई है।
रिमांड पिटीशन में ईडी ने किया दावा
ईडी ने सोमवार को संजीव और जहांगीर के ठिकानों पर छापेमारी कर 35.23 करोड़ रूपये कैश बरामद किये। ईडी ने कोर्ट को सौंपे गये रिमांड पिटीशन में कहा है कि ग्रामीण विकास विभाग की विकास योजनाओं में 15 प्रतिशत की दर से कमीशन की वसूली होती है। संजीव लाल टेंडर मैनेज कर कमीशन की रकम वसूलता था। वसूली के लिए बने सिस्टम में इंजीनियर और ठेकेदार शामिल है। कमीशन की रकम जहांगीर आलम के पास रखी जाती है और यह राशि बड़े नेताओं और अफसरों तक जाती है। संजीव लाल ने जहांगीर के नाम पर गाड़ी भी खरीदी है। इससे संजीव और जहांगीर के गहरे संबंध होने की पुष्टि होती है। वीरेंद्र राम ने भी गिरफ्तारी के बाद दिये गए बयान में कमीशखोरी की हिस्सेदारी में बड़े नेताओं और अफसरों का नाम लिया था। मामले की जांच के दौरान ईडी को जानकारी मिली है कि जहांगीर के घर से जब्त 32.20 करोड़ रूपये का हिस्सा ठेकेदार राजीव सिंह के जरिये वसूला गया था। बाद में इसे जहांगीर के घर लाकर रखा गया था।
वीरेंद्र राम ने खोले कई राज
ईडी ने कोर्ट में दाखिल रिमांड पिटीशन में यह भी कहा है कि वीरेंद्र राम के मामले में दायर इसीआइआर में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी को भी शामिल किया गया है। वीरेंद्र राम ने अपनी गिरफ्तारी के बाद दिये गये बयान में विभाग में जारी कमीशनखोरी और उसके बंटवारे की प्रक्रिया का उल्लेख किया था, उसने अपने बयान में सितंबर 2022 में संजीव लाल को करोड़ों रूपये दिये जाने की बात स्वीकार की थी। वीरेंद्र राम से मिली जानकारी के आधार पर इडी ने आगे की जांच की। इसमें पाया गया कि टेंडर सहित अन्य काम से जुड़ी कमीशन की राशि इंजीनियरों के माध्यम से वसूल कर संजीव लाल तक पहुंचायी जाती थी। इसके बाद संजीव के निर्देश पर इसे जहांगीर के पास रखा जाता था।
संजीव होंगे निलंबित
मंत्री के पीएस संजीव लाल और नौकर जहांगीर से 6 दिन पूछताछ करेगी ED
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के आप्त सचिव संजीव लाल सस्पेंड होंगे। उनके न्यायिक हिरासत में चले जाने की सूचना के बाद सरकार के स्तर पर उन्हे निलंबित करने की संचिका बढ़ा दी गयी है। मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की सहमति के बाद उन्हे निलंबित कर दिया जायेगा। चूंकि वह झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी है ऐसे में कार्मिक विभाग द्वारा उन्हे निलंबित करने का आदेश जारी किया जायेगा।