झारखंड विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, सभी पार्टियां इसकी तैयारियों में जुट गई है। चुनाव से पहले भाजपा अपने सारे विधायकों के कामकाज की समीक्षा करेगी। समीक्षा में जिन विधायकों का कामकाज खराब पाया जाएगा, उनका टिकट भी कटेगा। दिसंबर 2019 में विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 24 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जिनमें हजारीबाग व बाघमारा के विधायक अब सांसद बन चुके हैं। इन दोनों सीटों पर नए चेहरों को जगह मिलना तय है।
वहीं, सिंदरी के विधायक इंद्रजीत महतो भी लंबे समय से कोमा में हैं, ऐसे में सिंदरी में भी नए चेहरे को भाजपा उम्मीदवार बनाएगी। जमशेदपुर पूर्वी व जमशेदपुर पश्चिमी, मनिका, बहरागोड़ा जैसी सीटों पर भी नए चेहरों को मौका मिलना तय है। राज्य की 28 आदिवासी आरक्षित सीटों में महज दो पर भाजपा का कब्जा है। अधिक से अधिक आदिवासी सीटों को जीतने का लक्ष्य कर भाजपा ने तय किया है कि इन सीटों पर राज्य के तमाम बड़े आदिवासी नेताओं को विधानसभा का उम्मीदवार बनाया जाएगा।
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भाजपा के लिए क्या हैं चुनौतियां
जयराम महतो की पार्टी जेबीकेएसएस पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही है। लोकसभा में हार के बावजूद जेबीकेएसएस का प्रदर्शन बेहतर रहा था। 55 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी जेबीकेएसएस आधा दर्जन सीटों पर मजबूत है। लोकसभा में जेबीकेएसएस को दो सीटों पर लीड मिली थी।
जमशेदपुर पूर्वी विधायक सरयू राय ने हाल के दिनों में जदयू को साथ लाने की पहल शुरू की है। भाजपा-जदयू गठबंधन में साथ आकर झारखंड में चुनाव नहीं लड़ती है। जमशेदपुर पूर्वी भाजपा की पारंपरिक सीट रही है। वहीं, सरयू राय ने यशवंत सिन्हा से भी बीते दिनों मुलाकात की थी। भाजपा और इंडिया गठबंधन से समान दूरी रखने वाले नेताओं को साधने में भी सरयू राय लगे हैं।
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तीनों प्रभारी करेंगे विधानसभावार प्रवास
अगस्त और सिंतबर महीने में चुनाव को लेकर भाजपा के चुनाव प्रभारी व केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्व सरमा और प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी विधानसभा क्षेत्रों का प्रवास करेंगे। तीनों प्रभारियों के द्वारा राज्य के सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया जाएगा। प्रवास कर तीनों प्रभारी क्षेत्र की चुनौतियों के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों, भाजपा के संभावित उम्मीदवार के चेहरों पर भी फीडबैक लेंगे। किन-किन सीटों पर सहयोगियों को चुनाव लड़ाया जाएगा, सहयोगी दल के चेहरे कौन होंगे, इन भी चर्चा की जाएगी। बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा ने किसी भी दल से समझौता नहीं किया था। पार्टी 79 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। आजसू के साथ समझौता नहीं हो पाने के कारण भाजपा-आजसू को सीधे 11 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था।
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