रांचीः तमाड़ स्थित दिउड़ी मंदिर ट्रस्ट के गठन के विरोध में गुरूवार को आदिवासी समूह ने मंदिर के पुजारी और पाहन को बाहर कर मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया। आदिवासी समूह का कहना था कि यह दिउड़ी मंदिर नहींख् दिउड़ी दिरी है। तालाबंदी की सूचना पर तमाड़ पुलिस मौके पर पहुंची और चार घंटे बाद ताला काटकर मुख्य दरवाजा को खोला। इस दौरान परिसर में स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। आदिवासियों और पुलिस-प्रशासन के बीच झड़प भी हुई। इस दौरान मंदिर पहुंचे श्रद्धालु भी मां-दिउड़ी के दर्शन और पूजा पाठ नहीं कर सके। पुलिस ने इस मामले में 20 नामजद और 100 अज्ञात पर तमाड़ थाने में दर्ज कर लिया गया है।
अंबा प्रसाद को एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी से झटका, परिवारिक सदस्यों के 15 बैंक खाते हुए फ्रीज
गुरूवार शाम को कई संगठनों ने मंदिर में ताला जड़े जाने के विरोध में मशाल जुलूस निकाला और शुक्रवार को तमाड़ और बुंडू बंद रखने का एलान किया है। आदिवासियों के एक वर्ग का कहना है कि मंदिर पर सरकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। मंदिर की दान पेटी की चाबी मुंडा पाहन के पास ही रहे। दूसरी ओर, मुख्य पुजारी पंडित मनोज पांडा और नरसिंह पांडा ने बताया कि कुछ लोग मंदिर की ख्याति से परेशान है। ट्रस्ट बनाने के बाद उनकी दुकानदारी बंद हो गई है। मंदिर का प्रबंधन फिर से अपने हाथ लेने के लिए राजनीति कर रहे है।
झारखंड सरकार ने मंदिर के संचालन के लिए 2021 में ट्रस्ट बनाया था। पहले स्थानीय लोगों द्वारा मंदिर का संचालन किया जात था, चढ़ावे की राशि का बंदरबांट होती थी। ट्रस्ट बनने के बाद ऐसा होना बंद हो गया। विरोध के कारण ही 8 करोड़ रूपये की लागत से होने वाला सौंदर्यीकरण का काम रूका है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक विकास मुंडा की ओर से सौंदर्यीकरण कार्य का शिलान्यास 6 महीने पहले किया गया था। विरोध कर रहे लोगों को कहना है कि जबतक नियम के तहत ट्रस्ट का गठन नहीं हो जाता है, तबतक वे मंदिर में सौंदर्यीकरण का कार्य नहीं होने देंगे। बंद को देखते हुए पुलिस की भारी तैनाती कर दी गई है।