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Income Tax New Regime:
- स्टैंडर्ड डिडक्शन-75 हजार
- 0-3 लाख- शून्य टैक्स
- 3 लाख -7 लाख-5 %
- 7 लाख -10 लाख- 10%
- 10 लाख से 12 लाख- 15%
- 12 लाख से 15 लाख- 20%
- 15 लाख से अधिक-30%
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Budget 2024 LIVE Updates :
- महाबोधि टेंपल कॉरिडोर और गया में विष्णुपद कॉरोडर बनेगा
- ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये
- मुद्रा लोन की सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपये की
- 12 औद्योगिक पार्कों को मंजूरी दी जाएगी
- सड़क संपर्क परियोजनाओं को 26,000 करोड़ रुपये
- उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन
- बिहार में हाईवे के लिए 26 हजार करोड़ रुपये
- अमरावती के विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपये
- शहरी आवास योजना के लिए 10 लाख करोड़ रुपये
बजट को प्राथमिकताओं के लिए याद रखा जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में 9 क्षेत्रों पर फोकस किया गया है।
- कृषि में उत्पादकता और लचीलापन
- रोजगार और कौशल
- समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय
- विनिर्माण और सेवाएं
- शहरी विकास
- ऊर्जा सुरक्षा
- बुनियादी ढाँचा
- नवाचार, अनुसंधान और विकास
- अगली पीढ़ी के सुधार
Budget 2024 LIVE Updates : बजट में युवाओं के लिए दो लाख करोड़ रुपये
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है। उन्होंने कहा कि सरकार का फोकस रोजगार बढ़ाने पर हैं। बजट में गरीब, महिला, युवा और किसान पर जोर है। सरकार सबका साथ, सबका विकास के लिए प्रतिबद्ध है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस बार बजट में युवाओं के लिए 2 लाख करोड़ रुपये आवंटित किया गया है।
Budget 2024 LIVE Updates : भारत की आर्थिक वृद्धि दर बेहतर : सीतारमण
वैश्विक अर्थव्यवस्था उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि बेहतर रही है। उन्होंने कहा कि भारत में मुद्रास्फीति कम रही है। यह वर्तमान में 3.1 फीसदी है।
Budget 2024 LIVE : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के बजट को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बजट को मंजूरी दी गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण थोड़ी देर बाद 11 बजे लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करेंगी। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला पूर्ण बजट होगा।
Union Budget 2024: मोदी सरकार 3.0 का आज बजट पेश किया जाएगा। बजट में आम आदमी अपनी राहत की उम्मीद लगाए हुए हैं। मोदी सरकार भी उन्हें तोहफा दे सकती है। 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आज बजट 2024 संसद में पेश करेंगी। इस दौरान इंफ्रा से लेकर रेलवे सेक्टर के लिए खास ऐलान हो सकते हैं।
बजट में वित्त मंत्री कई बड़े ऐलान कर सकती हैं। खासकर वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए कुछ अलग से ऐलान होने की उम्मीद जताई जा रही है। भारत का मिडिल क्लास केंद्रीय बजट 2024 (Union Budget 2024) का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, एनालिटिक्स ने उम्मीद की एक झलक पेश की है, जिसमें कहा गया है कि उनके लिए कुछ महत्वपूर्ण हो सकता है।
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लोकसभा में अपना पूर्ण बहुमत खोने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा का लक्ष्य नई गठबंधन सरकार में विश्वास और जनता का भरोसा बनाना है। भारत के बजट का व्यापार और उपभोक्ता विश्वास पर असर पड़ेगा। भारत का यह केंद्रीय बजट इंफ्रास्ट्रक्चर पर पूंजीगत व्यय को बनाए रखेगा या संभवतः उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के लिए फंड को बढ़ाएगा। बजट में टैक्सेशन के लिए कुछ अलग ऐलान होने की संभावना है, लेकिन इस साल के आम चुनाव में आश्चर्यजनक परिणाम के मद्देनजर नीति निरंतरता पर व्यापक जोर दिया जाएगा।
मीडिल क्लास के लिए क्या हो सकता है खास?
मिडिल क्लास को उम्मीद है कि टैक्स की रेट कम होंगी और बेसिक छूट सीमा में बढ़ोतरी होगी। वर्तमान में, ओल्ड टैक्स व्यवस्था के तहत बेसिक छूट सीमा 2.5 लाख रुपये और नई व्यवस्था के तहत 3 लाख रुपये है। ऐसी उम्मीद है कि नई व्यवस्था के तहत सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है। जानकारों के अनुसार, इस तरह के कदम से टैक्स रेवेन्यू पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। लेकिन हाई टैक्स स्लैब में आने वालों को काफी बचत हो सकती है।
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नया टैक्स स्लैब हो सकता है पेश
स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी के अलावा, कई टैक्सेशन और फाइनेंस एक्सपर्ट्स 15-20 लाख रुपये के बीच की आय के लिए एक अलग टैक्स स्लैब शुरू करने की वकालत कर रहे हैं। वर्तमान में, 15 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर लगता है। 25 प्रतिशत का नया टैक्स स्लैब अधिक संतुलित हो सकता है।
एचआरए पर क्या होंगे ऐलान?
नई कर व्यवस्था में हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और होम लोन ब्याज टैक्स लाभ को शामिल करना एक प्रमुख मांग है। पुरानी व्यवस्था के तहत ये लाभ लोगों को मिल रहा है और नई व्यवस्था में इनके शामिल होने से अधिक टैक्सपेयर्स को बदलाव करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
2018-19 से इक्विटी शेयर या म्यूचुअल फंड यूनिट पर 1 लाख रुपये से ज्यादा के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) पर 10 प्रतिशत टैक्स लगता है। फाइनेंस एक्सपर्ट मौजूदा आर्थिक माहौल को ध्यान में रखते हुए इस सीमा को बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने का सुझाव देते हैं।
इस बात की भी संभावना है कि सरकार वायदा और विकल्प (F&O) व्यापार को सट्टा व्यापार के रूप में फिर से परिभाषित कर सकती है। यह परिवर्तन अन्य इनकम के खिलाफ एफ एंड ओ घाटे की भरपाई करने की क्षमता को सीमित करेगा, इस कदम का उद्देश्य इस क्षेत्र में अत्यधिक खुदरा भागीदारी को रोकना है।
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