दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड विधानसभा नियुक्ति घोटाले की सीबीआई जांच पर रोक लगा दी है। पहले हाईकोर्ट ने इस घोटाले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया था, जिसे विधानसभा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। गुरुवार को न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने विधानसभा की याचिका को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट के फैसले पर अस्थायी रोक लगा दी।
सीबीआई को सौंपी गई थी जाँच
झारखंड हाईकोर्ट ने 23 सितंबर को विधानसभा नियुक्ति घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने 20 जून को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। याचिकाकर्ताओं ने जनहित याचिका के माध्यम से आरोप लगाया था कि विधानसभा में अनियमित और अवैध नियुक्तियां हुई हैं। सुनवाई के दौरान, अदालत ने जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जिस पर आधारित होकर मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया गया।
12 वर्ष पुराना है मामला
झारखंड विधानसभा नियुक्ति घोटाले का मामला 12 साल बाद फिर चर्चा में आया। तब राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी ने विधानसभा की नियुक्तियों और प्रोन्नति पर सवाल उठाते हुए विधानसभा को पत्र भेजा था और जांच की मांग की थी। राज्यपाल ने 30 बिंदुओं पर शंका जताई थी। इसके बाद, तत्कालीन स्पीकर सीपी सिंह ने राज्यपाल को खुद ही जांच करने का सुझाव दिया, जिसके बाद राज्यपाल ने सरकार से जांच आयोग गठित करने का निर्देश दिया। सरकार ने राज्यपाल के आदेश पर पूर्व न्यायाधीश लोकनाथ प्रसाद की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया था।