दिल्ली: केंद्र सरकार ने पिछले साल आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का नाम आयुष्मान आरोग्य मंदिर करने का फैसला लिया था। नार्थ-ईस्ट के दो राज्यों ने इस पर आपत्ति जाहिर की है। मिजोरम और नागालैंड़ ने समाज और चर्च की भावनाओं का हवाला देते हुए इसका विरोध किया है। उन्होने कहा है कि नाम बदलने की प्रक्रिया से उन्हे छूट दी जाए।
इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े अनोनला दत्त की रिपोर्ट के अनुसार, ये दोनों राज्य अभी पुराने नाम आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का ही इस्तेमाल कर रहे है क्योकि ये राज्य अपनी आपत्ति को लेकर केंद्र सरकार के जवाब का इंतजार कर रही है। आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर देशभर में 1.6 लाख प्राथमिक स्वास्थ्य केंदों का नेटवर्क है, इसे अब आयुष्मान अरोग्य मंदिर के नाम से जाना जाता है, इसका टैगलाइन है अरोग्यम परमम धनम।
नवंबर 2023 को राज्यों को इस बारे में सूचना दी गई थी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक एस एल चांगसन ने राज्यों को इस बारे में चिट्ठी लिखी थी, इसके बाद केंद्र ने अपने वेबसाइट में बदलाव कर लिया। जनवरी में मिजोरम ने इसमें छूट मांगी। राज्य के प्रधान सचिव एस्तेर लाल रूआत्किमी ने तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को लिखा कि री-ब्रांडिंग के फैसले पर अपनी चिंता व्यक्त करना चाहते है। उन्होने अपने पत्र में लिखा कि मिजोरम की 90 प्रतिशत आबादी ईसाई है, ऐसे में इस बदलाव से लोगों की भावनाओं पर असर हो सकता है, इसलिए मिजोरम को इस बदलाव से अलग रखा जाए। फरवरी में मिजोरम ने इसी मांग को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार से संपर्क किया।
इसके बाद मार्च में नागालैंड ने इसी तरह की चिंता जताई। राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव और आयोग के सदस्य वी केजो ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कहा कि राज्य सरकार को इस तरह के कदम पर गंभीर आपत्ति है, क्योकि इससे राज्य की जनता के धार्मिक भावनाएं आहत होंगी। चर्च और नागरिक समाज की ओर से कड़ी आपत्ति जताई जा सकती है। नागलैंड को इस बदलाव से बाहर रखा जाए। केंद्र सरकार ने मिजोरम और नागालैंड को कोई जवाब नहीं भेजा है।