रांची, 5 अक्टूबर, 202: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा चल रही जांच में उम्मीदवारों और कोचिंग संचालकों, जिनमें कुणाल प्रताप सिंह, आशीष कुमार, प्रकाश कुमार, रामचंद्र मंडल, विनय कुमार, और प्रेमलाल ठाकुर शामिल हैं, को अपना अंतिम पक्ष और साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए बुलाया गया था।
पर्याप्त सबूत नहीं दिए गए
इस मामले में केवल प्रकाश कुमार ही आयोग के समक्ष उपस्थित हुए और उन्होंने 8 पृष्ठों का प्रतिवेदन सौंपा। प्रतिवेदन में तीन मोबाइल नंबरों का उल्लेख किया गया था, जिनसे महत्वपूर्ण फोटो और वीडियो बनाए गए थे, लेकिन असल मोबाइल उपकरण और उनके धारकों को प्रस्तुत नहीं किया गया। इसके साथ ही, फोटो और वीडियो की सत्यता की पुष्टि करने वाला कोई शपथ पत्र भी उपलब्ध नहीं कराया गया, जिससे साक्ष्यों की प्रामाणिकता पर सवाल उठ रहे हैं।
वॉयस रिकॉर्डिंग भी नहीं दी गई
एक पेन ड्राइव भी जमा की गई, जिसमें एक पृष्ठ का वीडियो था, जिस पर कुछ शब्द अंकित थे। हालांकि, पेन ड्राइव में वर्णित तथ्य पहले से जमा किए गए परिवाद पत्रों के अनुरूप नहीं पाए गए। JSSC के मुताबिक यह भी उल्लेख किया गया कि ऑडियो वॉयस रिकॉर्डिंग, जिसे साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जाना था, वह भी उपलब्ध नहीं कराई गई।
अब JSSC करेगा अंतिम फैसला
आयोग द्वारा यह अंतिम अवसर प्रदान किया गया था, ताकि उम्मीदवार और कोचिंग संचालक अपना पक्ष और आवश्यक साक्ष्य प्रस्तुत कर सकें। अधूरी प्रस्तुतियों के चलते, जांच की दिशा अब आयोग द्वारा आगे तय की जाएगी।