गढ़वाः गोलगप्पा का स्वाद बढ़ाने के लिए दुकानदार तरह तरह का मसाला देते है, लेकिन गढ़वा के मझिआंव बाजार में गोलगपप्पा के लिए पैर से आटा गूंथने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। घटना के तुरंत बाद, गोलगप्पे बनाने वाले दो दुकानदारों को स्थानीय लोगों ने घेर लिया और उनकी गोलगप्पे बनाने की विधि के बारे में सवाल किए।
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जब दोनों दुकानदारों ने यह बताया कि वे गोलगप्पों में स्वाद बढ़ाने के लिए हार्षिक और यूरिया खाद का इस्तेमाल करते हैं, तो यह सुनकर लोग और भी उग्र हो गए। स्थानीय लोगों की चिंता और गुस्सा बढ़ने लगा, जिसके परिणामस्वरूप सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों युवकों को हिरासत में ले लिया।
स्थानीय थाना प्रभारी, आकाश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि हिरासत में लिए गए दोनों युवक उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। इनमें एक का नाम अरबिन्द यादव है, जो झांसी जिले के सेसा गांव का रहने वाला है, जबकि दूसरा सतीश कुमार श्रीवास्तव है, जो जालौन जिले के नूरपुर गांव का निवासी है।
पुलिस ने बताया कि उनके पास से एक सफेद रंग का ठोस पदार्थ मिला है, जिसे फिटकिरी के समान बताया गया है। इस पदार्थ को पानी में डालने पर वह उसे खट्टा बना देता है। थाना प्रभारी ने बताया कि यह पदार्थ मेडिकल लैब में भेजा जाएगा ताकि उसकी जांच की जा सके। अगर यह पदार्थ हानिकारक पाया गया, तो दोनों युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाएगा।
स्थानीय लोगों ने पुलिस से मांग की कि खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कड़ी कार्रवाई की जाए। उनके अनुसार, इस तरह के मामलों में स्वच्छता और स्वास्थ्य का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है।
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इसके अलावा, पुलिस ने यह भी जानकारी दी कि दोनों युवक गढ़वा के किराना दुकान से सफेद केमिकल खरीदते हैं, जिसकी भी जांच की जाएगी। इस घटना ने मझिआंव बाजार में खलबली मचा दी है और अब लोग अपने खाने की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
इस घटना के बाद, स्थानीय प्रशासन ने भी चेतावनी जारी की है कि ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं केवल खाद्य सुरक्षा के नियमों के उल्लंघन को ही नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता की आवश्यकता को भी दर्शाती हैं।
वहीं, दूसरी ओर, मौसेरे भाई अरबिन्द यादव ने बताया कि कुछ दिन पहले उसका उसके मौसेरे भाई अंशु और राघवेन्द्र से झगड़ा हुआ था, जिसके बाद इन लोगों ने अपने परिचालन को रोक दिया था। इस मामले में पुलिस की कार्रवाई और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया ने इस मुद्दे को और भी गंभीर बना दिया है।
इस घटनाक्रम ने खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता के प्रति जागरूकता को बढ़ावा दिया है, और यह दर्शाता है कि हम सभी को अपने खाने की गुणवत्ता और सुरक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए।