करप्शन की टाइमलाइन
- 15 नंवबर 2019 को जमशेदपुर में जेई सुरेश प्रसाद वर्मा के घर एसीबी की रेड
- एसीबी पैसे कै स्रोत नहीं पता लगा सकी तो ईडी ने एफआईआर दर्ज की
- सितंबर 2020 ईडी ने जांच की एफआईआर दर्ज की
- 21 फरवरी 2023 को रांची सहित कई शहरों में ईडी की रेड
- चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के ठीकानों पर ईडी की रेड से करोड़ों की संपत्ति का पता चला
- 6 मई को मंत्री आलमगीर आलम के पीएस के नौकर के घर ईडी की रेड
- जहांगीर आलम के घर से मिले 37 करोड़ से ज्यादा
- 7 मई को ईडी ने संजीव लाल को गिरफ्तार कर लिया
- 15 मई को आलमगीर आलम गिरफ्तार
रांची: आलमगीर आलम (Alamgir Alam) सलाखों के पीछे हैं। चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम (Virendra Ram) जेल में हैं, संजीव लाल (Sanjeev Lal), जंगागीर आलम (Jahangir Alam) जेई सुरेश प्रसाद वर्मा (JE Suresh Prasad Verma ) सब जेल में है। फेरहिस्त लंबी है तो कहानी भी लंबी है । जिस कांड ने झारखंड के पंचायती राज और संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम को जेल भेजा उसकी शुरुआत इस हेमंत और चंपाई सोरेन सरकार से नहीं बल्कि बीजेपी के रघुवर सरकार में हो चुकी थी । वो भी वक्त चुनावी था । झारखंड में विधानसभा के टिकटों का बंटवारा चल रहा था ,प्रत्याशियों का ऐलान हो रहा था । 2019 के उसी चुनावी मौसम में जमशेदपुर में रिश्वत लेते हुए एक जेई सुरेश प्रसाद वर्मा गिरफ्तार होता है । फिर शुरु होती है भ्रष्टाचार की अनंत कथा जो उस चुनाव से इस चुनाव यानि लोकसभा चुनाव 20124 तक पहुंच चुकी हैं। इस दौरान झारखंड में तीन मुख्यमंत्री रघुवर दास, हेमंत सोरेन और चंपाई सोरेन शपथ ले चुके हैं । एक मुख्यमंत्री जेल में है । पंचायतरी राज विभाग के मंत्री से लेकर जूनियर इंजीनियर तक होटवार के बिरसा मुंडा कारागार में कैद हैं ।
बिरसा जंयती पर भ्रष्टाचार पर चोट
आलमगीर आलम भ्रष्टाचार की इस अनंत कथा के अंत नहीं और ना ही आरंभ है । बल्कि कहानी आरंभ होती है 15 नवंबर 2019 को जब एंटी करप्पशन ब्यूरो की टीम को एक शिकायत मिलती है । यह शिकायत थी जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद वर्मा के खिलाफ ।
10 हजार रुपए की रिश्वत का मामला
जमशेदपुर में एसीबी की टीम ने 15 नवंबर 2019 को सरायकेला खरसावां के ग्रामीण विकास विभाग के कनीय अभियंता (जेइ)सुरेश प्रसाद वर्मा को 10 हजार रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा । जेई के खिलाफ साकची के ठेकेदार विकास कुमार शर्मा ने एसीबी से शिकायत की थी। विकास ने पीसीसी सड़क का निर्माण किया था, जिसकी कुल लागत 11.54 लाख थी। सात लाख रुपये बिल बकाया था और बकाया बिल पास करने के नाम पर सुरेश वर्मा ने पहले 28 हजार रुपये की मांग की थी । लेकिन बात दस हजार रुपये पर बनी । सुरेश प्रसाद ने विकास को पैसा देने के लिए बुलाया इसी दौरान एसीबी की टीम ने पकड़ लिया । रिटायरमेंट से ढाई साल पहले सुरेश वर्मा जेल पहुंच गए ।
चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम का लिंक जुड़ा
सुरेश प्रसाद वर्मा के जेल जाने से पहले एसीबी की टीम ने जब घर की तलाशी ली तो उसके घर से बहुत ज्यादा कुछ नहीं मिला लेकिन उनके घर किराए में रहने वाले आलोक रंजन के फ्लैट की जब तलाशी ली गई तो नोट गिनने में सात घंटे लग गए । ढाई करोड़ रुपए बरामद किए गए । अकूत संपत्ति का खुलासा हुआ । पता किया गया कौन है आलोक रंजन तो मालूम हुआ कि वे चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के भतीजे हैं। इस तरह से करप्पशन की इस कहानी में वीरेंद्र राम की इंट्री हुई ।
आयकर विभाग को जांच से नहीं रोकते तो..
करप्शन की इस कहानी का दिलचस्प पहलू यह है कि जैसे ही आयकर विभाग को ढाई करोड़ रुपए मिलने की खबर मिली तो टीम जांच के लिए पहुंची लेकिन एससीबी की टीम ने जांच में सहयोग नहीं किया । आयकर विभाग के अधिकारियों ने राज्य के बड़े अधिकारियों से इसकी शिकायत की तो भी सुनवाई नहीं हुई । अगर आयकर विभाग को उसी दिन कार्रवाई करने दिया जाता तो कई और खुलासे और बड़े नाम सामने आ सकते थे । बहरहाल एससीबी ने जांच की, आरोप पत्र दाखिल कर दिया लेकिन पैसे कहां से आए यह नहीं पता लगी सकी लिहाजा मामला ठंडा तो पड़ गया लेकिन तब तक राज्य में रघुवर सरकार जा चुकी थी और हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री थे । एसीबी ने दोबारा जांच की लेकिन मामला सिफर रहा । इसके बाद ईडी ने सिंतबर में इसकी जांच अपने हाथ में ली और सितंबर में एक एफआईआर दर्ज की गई ।
ईडी ने जांच शुरु की तो खुलासे पर खुलासे
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के हाथ में मामला जाते ही जांच में तेजी तो आई लेकिन इसकी आंच ना तो पिछली सरकार में रहे मंत्री तक पहुंची थी और ना ही हेमंत सरकार के मंत्री तक । जब मामला प्रवर्तन निदेशालय तक पहुंचा तो वीरेंद्र राम के लिए मुसीबत साबित हो गई । 21 फरवरी 2023 को वीरेंद्र राम के कई ठिकानों पर एक साथ ईडी की रेड (ED Raid) पड़ी तो झारखंड में सनसनी फैल गई। रांची, जमशेदपुर, दिल्ली सहित कई शहरों में अकूत संपत्ति का पता चला । करोड़ों रुपए घर से बरामद हुए । ईडी के अधिकारी वीरेंद्र राम की रईसी देख हैरान थे । बेटा एक बार जो शर्ट पहन लेता दोबारा नहीं पहनता । पत्नी ने तो ईडी को डाइनिंग टेबल पर खाने से ही रोक दिया था ।
होटवार जेल में अब आलमगीर का पूरा विभाग !
वीरेंद्र राम के खिलाफ अप्रैल महीने में चार्जशीट दायर कर दी गई । उनकी लगभग चालीस करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली गई । वीरेंद्र राम सुरेश प्रसाद वर्मा से मिलने होटवार जेल पहुंच गए । अब इसी जेल में मंत्री आलमगीर आलम हैं। आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल नौकर जहांगीर के घर 6 मई को ईडी की रेड (ED Raid) पड़ी तो 37.5 करोड़ बरामद हुए । संजीव लाल के घर भी करोड़ों मिले । सचिवालय तक रेड पहुंची और वहां भी रकम बरामद कर ली गई । आखिरकार ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम को 15 मई 2024 को गिरफ्तार कर लिया ।
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