प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि रांची पुलिस ने जांच एजेंसी के अधिकारियों को फंसाने की साजिश रची थी। इसके लिए एक डायरी भी प्लांट की गई थी। झारखंड हाई कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल कर जांच एजेंसी ने यह दावा किया है।
केस को डायवर्ट करने की कोशिश की गई: ईडी
ईडी ने दावा किया है कि संजीव कुमार पांडेय और सुजीत कुमार को पुलिस ने कई दिनों तक अवैध तरीके से हिरासत में रखा। हिरासत में रखकर उनपर दबाव डालकर केस को डायवर्ट करने की कोशिश की गई।
एजेंसी ने दावा किया है कि ईडी की ईसीआईआर के आरोपी संजीव को पांच अक्तूबर से 17 अक्तूबर तक और अधिवक्ता सुजीत कुमार को 6 से 17 अक्तूबर तक अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया था। इस दौरान ईडी ने कई बार आरोपियों को समन भी किया, लेकिन पुलिस हिरासत में होने की वजह से वह समन पर उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाए थे।
फर्जी तरीके से डायरी में कराई गई एंट्री
ईडी ने दावा किया है कि रांची ऑफिस के अफसरों को फंसाने के लिए उनके खिलाफ फर्जी साक्ष्य बनाए गए। इस मामले में ईडी ने बताया है कि पंडरा ओपी प्रभारी मनीष कुमार और केस के जांच पदाधिकारी समेत अन्य ने मजिस्ट्रेट के समक्ष सुजीत का झूठा बयान कराया। ईडी का दावा है कि साक्ष्य बनाने के लिए सुजीत पर मनीष कुमार व शंकर कुमार नाम के आईओ ने दबाव डाला।
डायरी में पैसे की लेनदेन का फर्जी ट्रांजेक्शन: ईडी
इसके बाद एक डायरी में ईडी अफसरों के साथ पैसे की लेनदेन का फर्जी ट्रांजेक्शन दिखाया गया। इस डायरी को पुलिस ने स्कॉर्पियों से 9 अक्तूबर को जब्त दिखाया। ईडी का दावा है कि स्कार्पियों को पांच अक्तूबर को ही पंडरा ओपी ने जब्त किया था।