रांची : झारखंड में 3 दिसंबर को हुई ईडी की छापेमारी और पूछताछ के दौरान साहिबगंज के डीसी ने प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी को खूब हनक दिखाया। डीसी रामनिवास यादव ने ईडी के अधिकारी को कहा, मैं IPS अधिकारी रहा हूं, मुझे कानून नहीं सिखाओ कि किसे अभियुक्त बनाना है।
ईडी के छापेमारी के दौरान डीसी ने ईडी के अधिकारियों पर खूब रौब दिखाने की कोशिश की, लेकिन अपने आवास से कैश और कारतूस की बरामदगी के बाद उनके तेवर ठीले पर गए।
ईडी ने अवैध खनन से जुड़े मामले के साथ गंगा नदी में स्टीमर डूबने के मामले की भी जांच की। इस स्टीमर के संचालक के रूप में राजेश यादव उर्फ दाहू यादव की पहचान हुई थी। ईडी ने स्टीमर मालिक के साथ किये गए एकरारनामे की जांच और पूछताछ के बाद पाया था कि स्टीमर पर दाहू यादव का ही नियंत्रण था। लेकिन उस दुर्घटना के सिलसिले में डीसी ने पत्र संख्या 674 के माध्यम से यह सूचित किया था कि स्टीमर अवैध रूप से चलाया जा रहा था। स्टीमर को गंगा नदी में साहिबगंज से कटिहार के बीच चलने की अनुमति नहीं थी। स्टीमर दुर्घटना के संबंध में थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, लेकिन उसमें दाहू यादव को अभियुक्त नहीं बनाया गया था। इस तथ्य की जानकारी मिलने के बाद ईडी के कनीय अधिकारी ने उपायुक्त से जानना चाहा कि प्राथमिकी में दाहू यादव का नाम क्यों नहीं है, जबकि स्टीमर दाहू यादव चलवाता था। ईडी के अधिकारी के इसी सवाल पर उपायुक्त गरम हो गए। आपको बता दे कि रामनिवास यादव पहले आईपीएस थे बाद में आईएएस बने।