पटना : आरजेडी अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव पर संकट एक बार फिर बढ़ गया है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एमपी-एमएलए कोर्ट से लालू यादव के गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया है। करीब 26 साल पुराने हथियारों के खरीद-फरोख्त मामले में लालू यादव की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया है। पुलिस के रिकार्ड में लालू यादव फरार चल रहे थे। 1998 में ग्वालियर कोर्ट ने लालू यादव को फरार घोषित किया था।
पूरा मामला यूपी की फर्म के संचालक राजकुमार शर्मा के हथियार खरीद फरोख्त से जुड़ा हुआ है। राजकुमार शर्मा ने ग्वालियर में फर्जीवाड़ा कर हथियार और कारतूस खरीदकर बिहार में बेच दिये थे, उस समय लालू यादव को भी हथियार बेचे गए थे। इस मामले में कुल 22 आरोपी बनाये गए थे, लालू यादव समेत 14 आरोपी इस मामले में फरार है और 6 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में सुनवाई चल रही है जबकि दो आरोपी की मृत्यु हो चुकी है।
इस मामले में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव आरोपी है या नहीं है इसको लेकर कुछ भ्रम था। दस्तावेजों में आरोपी लालू प्रसाद के पिता का नाम कुंद्रिका सिंह लिखा है। वहीं, राजद नेता लालू प्रसाद के पिता का नाम कुंदन राय है। लालू प्रसाद के पिता का नाम सिर्फ फरारी पंचनामे में लिखा है। हालांकि, पूर्व सांसद और विधायक लालू प्रसाद यादव का जिक्र होने से यह भ्रम समाप्त हुआ और इसके बाद केस एमपी-एमएलए कोर्ट में गया है।
अब पुलिस ने कह दिया है कि इस केस में जो आरोपी लालू प्रसाद यादव हैं वे कोई और नहीं बल्कि राजद नेता और बिहार के पूर्व सीएम ही हैं। इसी आधार पर उन्हें आरोपी बनाकर गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। पुलिस ने पूरी जांच के बाद ही लालू प्रसाद यादव को आरोपी बनाया है। यह केस एमपी-एमएलए कोर्ट को ट्रांसफर हुआ था। स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी कर लालू प्रसाद यादव को एमपी एमएलए कोर्ट ने तलब किया है।