दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 3 मई को केंद्रीय जांच ब्यूरो को साहिबगंज में अवैध खनन मामला में (Illegal Mining in Sahibgunj ) के आरोपों की जांच जारी रखने की अनुमति दे दी ।झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के “करीबी सहयोगी” पंकज मिश्रा और अन्य लोगों पर साहिबगंज जिले में अवैध खनन का आरोप हैं। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की अगली तारीख तक सीबीआई को आरोपपत्र दाखिल करने से रोक दिया। कोर्ट ने कहा है कि “जांच जारी रह सकती है, लेकिन आरोपपत्र/अंतिम रिपोर्ट तब तक सीबीआई द्वारा दाखिल नहीं की जाएगी।” शीर्ष अदालत ने झारखंड सरकार की याचिका पर सीबीआई और शिकायतकर्ता बिजय हांसदा को नोटिस जारी किया।
कपिल सिब्बल कर रहे हैं पैरवी
इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अधिवक्ता जयंत मोहन ने पैरवी की है। राज्य सरकार ने 23 फरवरी के उच्च न्यायालय के आदेश की आलोचना की थी, जिसने सीबीआई को अवैध खनन मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दी थी।झारखंड सरकार ने कहा कि उच्च न्यायालय ने एक समन्वय पीठ के 18 अगस्त, 2023 के आदेश की गलत व्याख्या की थी, जिसने सीबीआई को केवल याचिकाकर्ता [बिजय हंसदा] सहित आरोपी व्यक्तियों के आचरण की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था।
झारखंड सरकार की दलील
सरकार ने यह भी तर्क दिया कि 18 अगस्त के आदेश में सीबीआई को आगे बढ़ने और जांच करने और एफआईआर दर्ज करने का निर्देश नहीं दिया गया था। दलील थी कि झारखंड हाईकोर्ट ने 18 अगस्त को आरोपों की प्रारंभिक जांच की मांग की थी क्योंकि यह स्पष्ट नहीं था कि क्या मामला इतना असाधारण था कि इसे सीबीआई को स्थानांतरित किया जा सके।
क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई
इसके अलावा, झारखंड सरकार ने तर्क दिया कि सीबीआई द्वारा एफआईआर दर्ज करने के लिए दिल्ली पुलिस विशेष स्थापना अधिनियम की धारा 6 के तहत राज्य से अनिवार्य और पूर्व सहमति की आवश्यकता है । सरकार ने कहा कि राज्य पुलिस ने आरोपों की अलग से जांच की थी और अक्टूबर 2023 में ट्रायल कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी।
हेमंत सोरेन के करीबी होने का आरोप
अवैध खनन के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया कि “पत्थर माफिया” सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से “अवैध खनन” में लगे हुए थे। उच्च न्यायालय के 23 फरवरी के आदेश में कहा गया है कि सीबीआई ने हांसदा की शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि बिष्णु प्रसाद यादव, पवित्र कुमार यादव, राजेश यादव, संजय यादव, बच्चा यादव, सुधेश मंडल और पंकज मिश्रा शामिल थे। साहिबगंज के निम्बू पहाड़ में बड़े पैमाने पर खनन घोटाला का आरोप था।
विजय हांसदा से हुई मारपीट
आरोप है कि आरोपी हेमंत सोरेन के करीबी सहयोगी थे। विजय हांसदा ने दावा किया था कि उन्होंने 5 मई, 2022 को स्थानीय ग्रामीणों की मदद से अवैध खनन को रोकने की कोशिश की। हालांकि, आरोपी व्यक्तियों के अंगरक्षकों द्वारा उन पर हमला किया गया।
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