रांची: एनडीए में अभी सीट शेयरिंग की घोषणा नहीं हुई है लेकिन इसको लेकर विरोध शुरू हो गया है। गुरूवार को ईचागढ़ से आये बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्टी ऑफिस में जमकर हंगामा किया और ईचागढ़ की सीट आजसू को दिये जाने का विरोध किया।
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ईचागढ़ से आये बीजेपी के कार्यकर्ता अरविंद कुमार सिंह उर्फ मलखान सिंह के समर्थक बताये जा रहे है। मलखान सिंह पिछली बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरे थे और उन्हे 32204 वोट मिला था। कुछ दिनों पहले मलखान सिंह बीजेपी में शामिल हो गए और वो टिकट के एक बड़े दावेदार हो गए। 2019 विधानसभा चुनाव में नंबर दो पर रहे आजसू पार्टी के हरे लाल महतो इस बार फिर से चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है। आजसू उन्हे ईचागढ़ से उम्मीदवार बना रही है। बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि पिछली बार करीब 400 वोट से ही बीजेपी यहां आजसू से पिछड़ी थी और ये सीट बीजेपी की पारंपरिक सीट रही है इसलिए इस बार बीजेपी को ही ये सीट मिलनी चाहिए। 2019 में बीजेपी उम्मीदवार रहे साधू चरण महतो के बाद अब मलखान सिंह ही बीजेपी की ओर से टिकट के दावेदार है तो ईचागढ़ में उन्हे ही टिकट मिलना चाहिए न कि आजसू को ये सीट देनी चाहिए।
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सोशल मीडिया पर चल रही खबरों को आधार बनाकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने पार्टी दफ्तर में हंगामा किया जबकि अबतक न तो गठबंधन के अंदर सीट शेयरिंग कि घोषणा की गई है और न ही उम्मीदवार का ही ऐलान हुआ है। इससे पहले दुमका में भी सोशल मीडिया के खबरों के आधार पर बीजेपी नेता के समर्थक आपस में भिड़ गए थे। पूर्व सांसद सुनील सोरेन के समर्थक ने पूर्व मंत्री लुईस मरांडी के समर्थक पर चाकू से वार कर दिया। इन दोनों घटनाओं ने ये संकेत दे दिया है कि बीजेपी और एनडीए के लिए सीट शेयरिंग और उम्मीदवारों का ऐलान आसान नहीं है।