शेखपुरा: बिहार में चिकित्सा व्यवस्था की बदहाली के कई कहानियां है। लेकिन एक तस्वीर शेखपुरा के सदर अस्पताल से निकलकर आई है जहां पिता की मौत के बाद बाइक पर बैठाकर बेटे को पिता का शव घर ले जाना पड़ा।
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शेखपुरा अस्पताल यू तो कई सम्मान पा चुका है लेकिन उसका दूसरा पहलू ये ही की एक मरीज इलाज के अभाव में दम तोड़ गया। रविवार सुबह डॉक्टर के नहीं रहने की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई। शहर के अहियापुर के रहने वाले राजू चौधरी के छाती में अचानक दर्द महसूस हुआ। बेटा संजीत चौधरी पिता को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे। डॉक्टर के नहीं रहने की वजह से मरीज को घंटों इंतजार करना पड़ा और आखिरकार राजू चौधरी ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया।
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अस्पताल की कुव्यवस्था की स्थिति ऐसी थी कि राजू चौधरी की मौत के बाद उनके शव को ले जाने के लिए शव वाहन का बेटे का काफी इंतजार किया। कई जगहों पर फोन भी लगाए, अस्पताल प्रबंधक धीरज कुमार को फोन किया लेकिन उन्होने फोन नहीं उठाया। उप अधीक्षक से लेकर अस्पताल के कोने कोने का चक्कर लगाया लेकिन कही किसी ने कोई सुध नहीं ली। मदद के लिए अस्पताल के उप अधीक्षक के कार्यालय जब पहुंचे तो वहां ताला बंद मिला। काफी जद्दोजहद के बाद जब एक एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं हो सका तो पिता के शव को बाइक पर लेकर ही संजीत चौधरी घर चले गए। राज्य में बदतर चिकित्सा व्यवस्था की पोल शेखपुरा की इस घटना ने खोल दी है।