रांची: राज्य में उत्पाद सिपाही बहाली परीक्षा के दौरान अबतक 10 अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा की बीमार हो गये है। राज्य के सात केंद्रो पर हो रही परीक्षा में अभ्यर्थियों की मौत ने राजनीतिक रंग ले लिया है। विपक्ष के नेता इस मामले में सरकार को घेर रहे है, वही मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले को लेकर अधिकारियों को तलब दिया और तैयारी के साथ सुविधाओं को लेकर जानकारी ली। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अधिकारियों ने जेएसएससी से इस टेस्ट को दिन के बजाय तड़के करने की सलाह दी, इसके बाद इस परीक्षा को दिन के बजाय तड़के 4.30 बजे आयोजित किये जाने का फैसला लिया गया।
उत्पाद सिपाही बहाली की दौड़ के दौरान हुई मौत को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने सरकार को घेरा, अमर बाउरी ने बताया तुगलकी फरमान
झारखंड पुलिस ने परीक्षा के दौरान सेंटरों पर दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर एक प्रेस रिलीज जारी की।
वही दूसरी ओर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार नौकरी बांट रही है या मौत। उन्होने अपने सोशल मीडिया अकांउट एक्स पर पोस्ट करते हुण् लिखा कि हेमंत सोरेन के कुव्यवस्था और जिद के कारण उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया की दौड़ अब ‘मौत की दौड़’ बन चुकी है। इस ‘मौत की दौड़’ में राज्य के 10 बेरोजगार युवा असमय काल की गाल में समा गए हैं। कई घरों के चिराग बुझ गए हैं, कई मां-बाप बेसहारा हो गए हैं… अभ्यर्थियों को आधी रात से लाइन में खड़ा कर अगले दिन झुलसा देने वाली धूप में दौड़ाया जा रहा है। भर्ती केंद्रों पर स्वास्थ्य सुविधा का समुचित प्रबंध तक नहीं किया गया है। दौड़ के लिए चयनित मार्ग पर भी हेमंत सरकार के द्वारा पर्याप्त संसाधनों की व्यवस्था नहीं की गई है। हेमंत जी को साढ़े 4 सालों तक युवाओं को बेरोजगार रखने के बाद भी तसल्ली नहीं मिली, तो वे अब युवाओं के जान लेने पर ही उतारू हो गए हैं। आज अभ्यर्थियों ने आवेदन देकर उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया की दौड़ में हो रही अव्यवस्था के संदर्भ में अवगत कराया। सरकार अविलंब मृत युवाओं के आश्रितों को मुआवजा तथा नौकरी उपलब्ध कराए। साथ ही, इस गंभीर मामले की न्यायिक जांच कराए।