अरुण योगीराज का नाम इतिहास के सुनहरे अक्षरों में ही दर्ज हो चुका है अयोध्या में राम जन्मभूमि के गर्भगृह मैं स्थापित होने वाली ग्राम लल्ला की मूर्ति के रचियता अरुण योगिराज ही है अरुण योगीराज कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले हैं और उनका ख़ानदानी पेशा ही शिल्पकारी है। चाहे इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति हो या फिर केदारनाथ धाम में आदि शंकराचार्य की मूर्ति अरुण योगिराज ने ही इसे अपनी मेहनत और कला के बूते तैयार किया है।
अरुण योगिराज का पूरा परिवार ख़ुश हैं क्योंकि उनके परिवार के सदस्य ने उस ऐतिहासिक मूर्ति को तैयार किया जिसका इंतज़ार कई पीढ़ियाँ कर रही थीं। भगवान राम की ये मूर्ति उनके पाँच वर्ष उम्र को दर्शाती है। अरुण युवराज की मूर्ति अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के गर्भगृह में स्थापित हो गई इस ख़बर से मैसूर में भी हर्ष है। मशहूर मिठाई दुकान श्री महालक्ष्मी स्वीट्स ने अरूण को राम मंदिर के आकार की मिठाइयाँ भेंट की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अरुण योगिराज के शिल्पकला के क़ायल हैं । नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 30 फ़ीट ऊँची मूर्ति जिससे उनकी 125 वीं जयंती पर इंडिया गेट पर स्थापित किया गया उसे आरोप योगीराज नहीं तैयार किया है प्रधानमंत्री मोदी ने इस मूर्ति को बहुत पसंद किया था। अरुण की बनायी आदि शंकराचार्य की 12 फ़ीट ऊँची मूर्ति केदारनाथ में पूरी भव्यता के साथ भक्तों को मोहित कर रही है मैसूर ज़िले में ही भगवान हनुमान तीळ 15 फ़ीट की ऊँची मूर्ति देखते ही बनती है आरोन ने इसके अलावा संविधान निर्माता डॉक्टर BR अंबेडकर स्वामी रामकृष्ण परमहंस की भी मूर्ति तैयार की है। अरुण योगिराज के पिता ही माहिर उनके दादा बस स्वान और मैसूर के राजसी शिल्पकार रहे चुके हैं। MBA की पढ़ाई पूरी करने के बाद थोड़े दिनों प्राइवेट नौकरी की लेकिन उनका मन की मूर्ति कला है मैं ही रहा और उन्होंने इसे फ़ुल टाइम का प्रोफ़ेशन बना लिया और 2008 वे काम में लगे।