पश्चिमी सिंहभूम के नक्सल प्रभावित टेबो के सियांकेल में डायन-बिसाही में एक ही परिवार के तीन लोगों की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। मृतकों में सियांकेल निवासी दुगुलू पूर्ति, उसकी पत्नी सुकबारो पूर्ति और बेटी दसकीर पूर्ति शामिल हैं। तीनों की लाश ग्रामीणों ने जंगल में देखी। मां और बेटी की लाश अर्द्धनग्न अवस्था में थी।
जानकारी के मुताबिक, जब वे सभी खाना खाकर सो रहे थे, तभी अज्ञात लोग घर में घुसे और लाठी-डंडे से पीटकर तीनों की हत्या कर दी। इधर, टेबो पुलिस घटना की जांच कर रही है। ग्रामीणों ने मृतकों का शव शुक्रवार को जंगल में तब पुलिस को सूचना दी। सूचना के अनुसार, डायन का आरोप लगाकर महिला के खिलाफ कुछ दिन पूर्व ही गांव में बैठक हुई थी।
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मृतक दुगुलू पूर्ति की दो बेटियों की जान घर पर नहीं रहने के कारण बच गई। मृतक की एक बेटी पुनि पूर्ति दिल्ली में काम करती है। वहीं, दूसरी पुत्री दातकी पूर्ति बिरसा स्कूल बंदगांव में रहकर कक्षा 10वीं में पढ़ाई करती है। हत्या के दिन दातकी पूर्ति बंदगांव में थी। इस कारण मृतक की दोनों बेटियों की जान बच गई। इधर, घटना के बाद पुलिस उसे चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल लेकर आई थी।
हत्या के बाद तीनों के शव को रस्सी से बांध घसीटते पास के चुरिंगकोचा जंगल में ले जाकर फेंक दिया गया। घटना को अंजाम सुदूरवर्ती चंपाबा पंचायत के सियांकेल में गुरुवार रात तब दिया गया, जब तीनों पति, पत्नी और पुत्री सो रहे थे। इधर, घटना के बाद से गांव में दहशत का मौहाल हैं। टेबो पुलिस घटना की जांच कर रही है।
बताया जाता है कि गुरुवार रात सियांकेल गांव निवासी दुगुलू पूर्ति, पत्नी सुकबारो पूर्ति तथा बेटी दसकीर पूर्ति के साथ भोजन करने के बाद सो रहे थे। इसी दौरान अज्ञात लोग घर में आ घुसे और लाठी-डंडे से पिटाई के बाद तीनों की हत्या कर दी। और तीनों के गले में रस्सी बांध शव को घसीटते गांव के समीप चुरिंगकोचा जंगल ले गये और फेंक दिया।
शुक्रवार सुबह जब ग्रामीण जंगल में लकड़ी एवं पत्ता लाने गए तो तीनों का शव देखा। मां और बेटी के शव अर्द्धनग्न अवस्था में पड़े थे। उन्होंने गांव पहुंच लोगों को बताने के साथ टेबो पुलिस को जानकारी दी। सूचना के बावजूद पुलिस नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण उस दिन नहीं गई। शनिवार को टेबो पुलिस, सीआरपीएफ एवं भारी संख्या में जिला पुलिस के साथ जंगल पहुंची और शव को बरामद किया। चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए शवों को परिजनों को सौंप दिया।