पटना: बिहार के चर्चित आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। करोड़ों रुपये की संपत्ति मामले में संजीव हंस और गुलाब यादव समेत एक दर्जन लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। मिली जानकारी के अनुसार, प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत से एफआईआर स्पेशल विजलेंस यूनिट में दर्ज की गई है।
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इस एफआईआर में संजीव हंस और गुलाब यादव को लेकर कई बड़े खुलासे किये गए है। SVU के FIR के अनुसार संजीव हंस के बिजनेस पॉर्टनर पूर्व विधायक गुलाब यादव की पत्नी विधानपार्षद अंबिका यादव 2015 से 2020 तक अपने बैंक खाते में 3 करोड़ 80 लाख रुपये जमा कराये थे। वहीं संजीव हंस गुलाब यादव के जरिये गायत्री को हर महीने 2 लाख रुपये देते थे। एफआईआर के अनुसार संजीव हंस और गुलाब यादव के गायत्री देवी के साथ ताल्लुकात थे। इनके बीच रुपये के अवैध लेनदेन का पता चला है। गायत्री देवी ने गुलाब यादव और संजीव हंस पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और अपने बच्चे के पिता होने का भी आरोप लगाया था।
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SVU के FIR के अनुसार, संजीव हंस हर महीने गायत्री देवी को गुलाब यादव और एलजेपी नेता सुनील सिन्हा के माध्यम से 2 लाख रुपये देते थे। ये पैसे गायत्री को अवैध संबंध छिपाने और मामले पर चुप्पी साधने के लिए दिये जाते थे। हालांकि गायत्री ने ईडी के समक्ष पूछताछ में स्वीकार किया था कि गुलाब यादव उसे हर महीने 25 हजार रुपये देता था, बाद में इसे बढ़ाकर 49 हजार कर दिया गया था। नवंबर 2017 से फरवरी 2022 के बीच 29 लाख रुपये गायत्री को दिये गए। यह राशि गुलाब यादव ने गायत्री के बैंक अकाउंट में जमा कराये।इतना ही नहीं संजीव हंस ने गायत्री कुमारी को लखनऊ में 90 लाख रुपये का एक फ्लैट दिया था। यह राशि सुनील सिन्हा और उसकी कंपनी मेसर्स एक्स आर्मी मेंस प्रोटेक्शन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और दो अन्य लोगों दिव्य प्रकाश एवं शिव राज ने 7 बार में गायत्री के बैंक खाते में जमा कराई थी। FIR के अनुसार संजीव हंस ने गायत्री कुमारी को सुनील सिन्हा की मदद से हवाला के जरिए 2 करोड़ 44 लाख रुपये भेजे थे। सुनील सिन्हा IAS अधिकारी के बेहद करीबी थे और उनकी अवैध कमाई के कारोबार में उनकी बड़ी हिस्सेदारी है उसने संजीव हंस से जुड़े कुछ खास फोटोग्राफ और वीडियो फुटेज भी ED को मुहैया कराए थे।