दिल्ली: सियाचिन में अपने साथियों को बचाने में शहीद हुए कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी और मां को राष्ट्रपति ने 5 जुलाई को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया था। अब अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सिंह पर शहीद के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि उनकी बहू उनके बेटे से जुड़े हुए सभी सामान लेकर अपने मायके गुरदासपुर चली गई है।
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अंशुमान ने माता-पिता ने आरोप लगाया है कि बहू अंशुमान को मिले कीर्ति चक्र, उसके फोटो एलबम, कपड़े और उसके यादों से जुड़े सामान लेकर अपने मायके गुरूदासपुर चली गई है। यही नहीं उसके दस्तावेज में दर्ज स्थायी पता को बदलवाकर अपने मायके गुरूदासपुर का करवा दिया है। हालांकि इन आरोपों पर अभी तक शहीद की पत्नी स्मृति का कोई बयान नहीं आया है।
शहीद अंशुमान सिंह के पिता राम प्रताप सिंह ने कहा कि बेटे की शादी उन्होने उसकी मर्जी से बड़े धूमधाम से की थी। शादी में न तो ससुराल की ओर से न ही मायके की ओर से कोई कमी छोड़ी गई थी और पूरा परिवार बहुत खुश था। शादी के बाद स्मृति नोएडा में बीडीएस की पढ़ाई कर रही मेरी बेटी के साथ फ्लैट पर रहने लगी थी। 19 जुलाई 2023 को जब बेटा सियाचीन में शहीद हुआ तो बहू और बेटी दोनों नोएडा में ही थे। उन दोनों को बुलाकर गोरखपुर में बेटा का अंतिम संस्कार किया गया। लेकिन तेरहवीं के अगले ही दिन बहू मायके जाने की जिद कर ली। स्मृति के पिता ने जब पूरी जिंदगी का हवाला दिया तो हमने कहा कि अब ये हमारी बहू नहीं बेटी है और स्मृति अगर चाहेगी तो हम दोनों मिलकर इसकी शादी करेंगे और यहां से विदा करेंगे।उन्होंने आगे बताया, ‘स्मृति तेरहवीं के अगले दिन अपनी मां के साथ नोएडा चली गई।नोएडा में वह मेरे बेटे से जुड़ी हर चीज, उसकी तस्वीर, उसकी शादी के एल्बम सर्टिफिकेट कपड़े सब लेकर अपने मां-बाप के पास चली गई।हमें इसकी जानकारी तब हुई जब मेरी बेटी वापस नोएडा गई तो वहां फ्लैट में बेटे अंशुमान का कोई भी समान नहीं था’। शहीद अंशुमान के पिता ने कहा, ‘बेटे को उसके अदम्य साहस के लिए कीर्ति चक्र मिला तो नियम था कि मां और पत्नी दोनों यह सम्मान लेने के लिए जाते हैं ।अंशुमान की मां भी साथ गई थीं।राष्ट्रपति ने मेरे बेटे की शहादत पर कीर्ति चक्र दिया लेकिन मैं तो उसको एक बार छू भी नहीं पाया।