रांची: आजसू पार्टी के संस्थापक सदस्य और झारखंड आंदोलनकारी प्रवीण प्रभाकर की घर वापसी हो गई है। रविवार को हरमू स्थित आजसू कार्यालय में केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने उन्हे आजसू की सदस्यता दिलाई। इस मौके पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे।
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प्रवीण प्रभाकर ने दो दिनों पहले ही सुदेश महतो से मुलाकात की थी उसके बाद ही ये कयास लगाए जा रहे थे कि वो एक बार फिर से अपनी पुरानी पार्टी में लौट सकते है। प्रवीण प्रभाकर ने आजसू और बीजेपी के बीच गठबंधन कराने में बड़ी भूमिका निभाई थी। पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी के समक्ष आजसू और बीजेपी में पहली बार गठबंधन हुआ था। प्रवीण प्रभाकर 2014 में आजसू छोड़कर बीजेपी में चले गए थे। 2019 के बाद वो सक्रिय राजनीति से अलग हो गए थे। हालांकि वो इस बीच जामताड़ा के नाला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी भी करते रहे।
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विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक सीट पर सिमट चुकी आजसू पार्टी के लिए प्रवीण प्रभाकर का फिर से पार्टी में आना कितना कारगर होगा कहना मुश्किल है, क्योकि चुनाव के बाद भी आजसू पार्टी को लगातार झटके मिल रहे है। 14 जनवरी को लोहरदगा सीट से उम्मीदवार रही और झारखंड आंदोलनकारी कमल किशोर भगत की पत्नी नीरू शांति भगत ने आजसू से इस्तीफा दे दिया था तो शनिवार को 63 युवा मोर्चा और छात्र विंग के नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। सुदेश महतो की पार्टी चुनाव के बाद से मुश्किलों से गुजर रही है ऐसे में प्रवीण प्रभाकर का फिर से आजसू में आना डूबते को तिनके का सहारा जैसा लग रहा है।