रांचीः लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में तीन अहम चीजों में एक है ओडिशा का चुनाव और उसके नतीजे । एक ऐसा राज्य जहां पिछले ढाई दशक से बीजू जनता दल का शासन रहा । ओडिशा से नवीन पटनायक के आगे तब तक किसी दल को कामयाबी नहीं मिलती दिखी जब तक की उनकी सेहत की खबरें सुर्खियां नहीं बनने लगी । पीएम से लेकर अमित शाह तक उन्हें बूढ़ा घोषित कर सत्ता छोड़ने के लिए कहते रहे । चुनावी रैलियों में बीजेपी ने ओडिशा की जनता को अस्मिता के सवाल पर और नवीन पटनायक को रिटायर करने की मांग के साथ जो सियासी जाल बिछाया उसी में फंस कर नवीन पटनायक के युग का अंत हो गया ।
ओडिशा अस्मित का सवाल
पीएम मोदी और अमित शाह ने जिस शिद्दत के साथ ओडिशा में मेहनत की उसका नतीजा सामने है। बीजेडी सत्ता से बाहर है और बीजेपी की पहली बार ओडिशा में सरकरा बनेगी। अमित शाह ने ओडिशा में कई रैलियों में ओडिशा अस्मिता का सवाल उठाते हुए बीजू पटनायक के करीबी और पूर्व अधिकारी पांडयन को टारगटे करते हुए कहा कि ओडिशा का खजाना तमिलनाडु पहुंच रहा है । तमिलनाडु के लोग ओडिशा की सत्ता चला रहे हैं । अमित शाह ने कई चुनावी रैलियों में कहा कि ओडिशा की खनिज संपदा बाहर जा रहा है । सीधे-सीधे बीजेपी ने यह साबित करने में कायमाबी हासिल कर ली कि ओडिशा अब बीजेडी के हाथों में सुरक्षित नहीं है ।
Yesterday Mr Pandian was controlling Naveen Babu’s hands, today it is his legs. Puppeteering an elected 5 term Chief Minister in such a manner is unprecedented in our history. My heart goes out to Naveen Babu who may be unaware of this situation. The only way to restore his… pic.twitter.com/lYEJPdZd7L
— Himanta Biswa Sarma (Modi Ka Parivar) (@himantabiswa) May 29, 2024
भगवान जगन्नाथ मंदिर के खजाने का सवाल
अमित शाह और बीजेपी ने ओडिशा में दूसरा बड़ा मुद्दा उठाया वो था भगवान जगन्नाथ मंदिर के खजाने की चाबी का मुद्दा । बीजेपी ने लगभग हर रैली में मंदिर के खजाने का जिक्र करते हुए खोई हुई चाबी को मुद्दा बनाया और भावनात्मक तौर से लोगों को इसके लिए नवीन पटनायक सरकार को जिम्मेदार ठहराया । इतना ही नहीं ऐसा कहा जाने लगा कि जगन्नाथ मंदिर का खजाना तमिलनाडु चला गया । गौरतलब है कि पुरी के भगवनान जगन्नाथ मंदिर के खजाने को जहां रखा गया है उसकी एक चाबी वर्षों से मिल नहीं रही है और इसको लेकर कई बार जांच हुई लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला । कहा जाता है कि मंदिर के खजाने में सैकड़ों किलो सोना और चांदी के हीरे जवाहरात है ।
नवीन पटनायक युग की समाप्ति
जाहिर है ढाई दशकों से एक चेहरे को अपना चेहरा मान ओडिशा की जनता ने जिसे मौका दिया उस नवीन पटनायक के एक युग की समाप्ति हो गई । बीजेपी ने पटनायक की राजनीति के अंत का समय भांप लिया था इसलिए ओडिशा में गठबंधन को वक्त रहते खत्म कर दिया और अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया । नतीजा सामने है बीजेपी ने लोकसभा की 21 सीटों में 19 लोकसभा सीटें जीत ली और विधानसभा में 80 सीटें जीत सरकार बना ली ।