पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी को चुन लिया है। पार्टी से जुड़े सूत्र और नीतीश कुमार के करीबी लोगों के अनुसार नीतीश कुमार ने अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में अपने बेटे निशांत को चुन लिया है।
नीतीश कुमार की उम्र और उनके स्वास्थ्य को देखते हुए माना जा रहा है कि उन्होने अपने बेटे निशांत को राजनीति में लाने का फैसला कर लिया है। जेडीयू के राजनीतिक भविष्य को देखते हुए मुख्यमंत्री ने अपना मन बना लिया है। जल्द ही निशांत को जेडीयू की सदस्यता दिलाई जा सकती है और पार्टी में उन्हे कोई पद भी दिया जा सकता है। नीतीश कुमार के करीबी और बिहार सरकार में मंत्री श्रवण कुमार को भी पार्टी को आगे बढ़ाने की बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। श्रवण कुमार बिहार के मुख्यमंत्री के सबसे करीबी नेता है और उनके गृह जिले से भी आते है। श्रवण यूपी के प्रभारी भी है और उन्होने प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में नीतीश कुमार की सभा करने का भी प्लान बनाया था जब वो इंडिया गठबंधन में थे। अभी कुछ दिनों पहले ही नीतीश कुमार ने अपने बेटे निशांत के साथ अपने गृह जिला नालंदा का दौरा किया था। माना जा रहा है कि इस दौरान ही निशांत के राजनीति में लाने को लेकर नीतीश कुमार ने अपने करीबियों से चर्चा कर ऐसे संकेत दिये है।
Ranchi के Xtreme बार में गोली चली, DJ की गोली मारकर हत्या, बाउंसर और शराब पीने आये युवकों में हुआ था विवाद
जेडीयू को बचाने के लिए उठाएंगे बड़ा कदम
नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर कई तरह की समस्याएं आ रही है, चुनाव प्रचार के दौरान भी उनको स्वास्थ्य को लेकर समस्याएं हुई और उन्होने दो दिनों तक चुनाव प्रचार नहीं किया। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कई बार उनकी जुबान फिसल गई। 26 मई को सभा के दौरान उन्होने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की जगह मुख्यमंत्री बनाने की बात कह दी। लोकसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार ने लालू परिवार पर जमकर हमला किया। लालू यादव को लेकर तल्ख टिप्पणी का इस्तेमाल करते हुए उन्होने कहा कि अपने हटा तो अपने बीबी को मुख्यमंत्री बना दिया। 9 गो बेटा बेटी पैदा कर दिया, कितना बेटा बेटी को बना दिया। हम लोग परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देते, सबको अपना परिवार मानते है।
नीतीश कुमार के बेटे निशांत अबतक राजनीति से दूर रहे है, वो मीडिया की नजरों से भी दूरी बनाये रखते है, जब कभी मीडिया ने उनसे राजनीति में आने को लेकर सवाल किया, उन्होने राजनीति में आने को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, लेकिन अब जेडीयू की राजनीति को बचाने के लिए निशांत का राजनीति में आना जरूरी माना जा रहा है। मीडिया के अंदर कई बार इस तरह की खबरें भी चली कि जेडीयू के कमजोर होने पर पार्टी में टूट हो सकती है, कोई बीजेपी की ओर तो कोई आरजेडी की ओर जा सकता है। जेडीयू को मजबूत रखने और पार्टी पर पकड़ बनाने के लिए ही लोकसभा चुनाव से पहले ललन सिंह का इस्तीफा जेडीयू अध्यक्ष पद हुआ और नीतीश कुमार फिर से अध्यक्ष बने अब पार्टी के भविष्य को देखते हुए निशांत को आगे बढ़ाया जा सकता है।
Pune Car Accident Update: दौलत के आगे बिक गए थे धरती के ‘भगवान’ , सबूत नष्ट करने के आरोप में दो डॉक्टर गिरफ्तार
आरसीपी-तेजस्वी के बाद अब निशांत
नीतीश कुमार का राजनीतिक उत्तराधिकारी कौन होना पिछले 4-5 सालों से मीडिया में इसको लेकर चर्चा होती रही है। कई बार नीतीश कुमार ने भी अपने भाषणों में अपने राजनीति उत्तराधिकारी को लेकर समय समय पर संकेत देते रहे है। जब आरसीपी सिंह उनके करीब थे तो कई बार नीतीश कंुमार ने ऐसे संकेत दिये कि उनके राजनीति उत्तराधिकारी वही है। पार्टी के अध्यक्ष से लेकर केंद्र में मंत्री बनाये जाने तक ये माना जा रहा था कि आरसीपी ही अब जेडीयू के भविष्य है। बाद में दोनों के बीच दूरियां बढ़ी और सब कुछ खत्म हो गया। इसके बाद जब तेजस्वी यादव के साथ नीतीश कुमार सरकार चलाने लगे तो खुले मंच से नीतीश ने कई बार ये कहा कि अब तो सबकुछ इसी को न देखना है, ऐसा नीतीश कंुमार का कहना ये संकेत देने लगा कि अब तेजस्वी ही इस गठबंधन के भविष्य और चेहरा होंगे, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन टूट गया और फिर दोनों के रास्ते अलग-अलग हो गये। अब लोकसभा चुनाव के बाद माना जा रहा है कि 2025 विधानसभा चुनाव को देखते हुए नीतीश अपने बेटे निशांत को राजनीति में ला सकते है।