रांची : पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने सोमवार को राजनीति में अपना पहला कदम रखा। जेएमएम के 51वें स्थापना दिवस के मौके पर कल्पना के भावनात्मक भाषण ने सभी को अपनी ओर आकर्षित किया। सधे और सटीक अंदाज में कल्पना ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी और केंद्र सरकार पर हमला बोला। खुद को हेमंत सोरेन का प्रतिनिधि बताकर जनता से कनेक्ट होने की कोशिश की।
कल्पना सोरेन के राजनीति में कदम रखने के साथ ही उनके चुनावी राजनीतिक को लेकर कई तरह के दावे किये जा रहे है। कल्पना ने गिरिडीह को ही अपने पॉलिटिकल लांचिंग के लिए क्यों चुना इसको लेकर कई तरह की बातें कही जा रही है। जेएमएम के करीबी और राजनीतिक जानकार बताते है कि कल्पना का सोमवार को गिरिडीह में दिया गया भाषण बताता है कि उनके लिए गिरिडीह उनकी आने वाले समय में कर्मभूमि होने वाली है। अपने भाषण के दौरान भी कल्पना ने ऐसे ही संकेत दिये।
गिरिडीह से चुनाव लड़ने के दिये संकेत
कल्पना ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि गिरिडीह मरांग बुरू की पावन धरती होने के साथ ही गुरू जी के संघर्ष और कर्म की भूमि है, इसलिए उन्होने भी अपनी संघर्षयात्रा और कर्मभूमि गिरिडीह को बनाया है। कल्पना ने कहा कि मै आपकी बहू हूं , मुझे बेटी बना लीजिये। कल्पना के ये बयान बताते है कि उन्होने अपने चुनावी राजनीति के लिए गिरिडीह का चयन कर लिया है। जेएमएम विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने भी इस बात के संकेत देते हुए मीडिया को कहा था कि मुझे उम्मीद है कि गिरिडीह की जनता कल्पना सोरेन को भरपूर प्यार और समर्थन देगी। कल्पना ने गिरिडीह को ही क्यों चुना वो रांची या संताल को अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत के चुन सकती थी, जबकि 27 फरवरी को रांची में जेएमएम की संकल्प सभा हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के विरोध में किया गया था। लेकिन वो 27 फरवरी को रांची में अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत न करके गिरिडीह से कर रही है। ये बात तो साफ है कि गिरिडीह ही अब कल्पना सोरेन की कर्मभूमि होने के साथ साथ चुनावी राजनीतिक का केंद्र बनने वाला है। जेएमएम के सूत्र बताते है कि विधानसभा चुनाव से पूर्व हो रहे लोकसभा चुनाव में कल्पना गिरिडीह या दुमका से उम्मीदवार हो सकते है। लेकिन जिस तरीके से कल्पना ने गिरिडीह से खुद को जोड़ा है बताता है कि कल्पना अपने राजनीतिक जीवन के साथ चुनावी राजनीति की भी शुरूआत गिरिडीह से करना चाहती है।
गिरिडीह में जेएमएम के स्थापना दिवस समारोह के बाद एक्स पर कल्पना ने पोस्ट कर अपनी बात कुछ इस तरह से कही।
आज गिरिडीह की क्रांतिकारी भूमि से जन नायक हेमन्त जी की आवाज बनकर मैं आप सभी के बीच पहुंची।
केंद्र की भाजपा सरकार ने हेमन्त जी को जेल में नहीं डाला है, झारखण्ड के स्वाभिमान और आत्म-सम्मान को जेल में डाला है। और इसका करारा जवाब मिलेगा। आने वाले वक्त में इसका करारा जवाब दिया जायेगा।
मैं सोच कर आयी थी कि जैसा हेमन्त जी ने माननीय विधानसभा में कहा था कि “मैं आंसू नहीं बहाऊंगा, आंसू वक्त के लिए रखूंगा। केंद्र की भाजपा सरकार के लिए आंसू का कोई मतलब नहीं है। आदिवासी, दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक के आंसुओं का इनके सामने कोई मोल नहीं है।”, मैं भी आंसू नहीं बहाऊंगी। मगर, आप सभी के अथाह स्नेह और आशीर्वाद के सामने मैं अपने आप को रोक न सकी।
न झारखण्ड झुका है, न झारखण्डी झुकेगा।
जय जोहार!🏹
जय झारखण्ड!
हेमन्त है तो हिम्मत है!
#झारखण्ड_झुकेगा_नहीं
~ कल्पना मुर्मू सोरेन