नीतीश कुमार के मंत्री के करीबी का रिश्तेदार पर इन दिनों थानेदार बन कर उगाही करने का आरोप लग रहा है। यह करीबी इतना पावरफुल है कि थानाध्यक्ष की कुर्सी पर खुद बैठता है और थानेदार को बग़ल में खड़ा रखता है। जी हाँ मामला बिहार के सहरसा के बिहरा थाना का है । जैसा कि सब रिवाज और अधिकार है कि थानाध्यक्ष के कुर्सी पर केवल पदस्थापित थानाध्यक्ष ही बैठ सकते हैं या उससे उपर के अधिकारी बैठ सकते हैं। लेकिन लगता है सहरसा जिले के बिहरा थाना में कुर्सी का ही ठेका दे दिया गया है। ठेका लेने वाला एनएसयूआई का नेता अमित कन्हैया है। बिहरा थानाध्यक्ष की कुर्सी पर कांग्रेस नेता अमित कन्हैया के बैठने व उसके बगल में थानाध्यक्ष के खड़े होने की तस्वीर वायरल हो रही है। वायरल तस्वीर में थानाध्यक्ष की कुर्सी पर एक युवक बैठा हुआ है। जबकि थानेदार उस युवक के कंधे पर हाथ रखकर खड़े देखे जा रहे हैं। तस्वीर वायरल होने के बाद जब मामले की पड़ताल की गई तो पता चला कि युवक जिस कुर्सी पर बैठा हुआ है, वह कुर्सी थानेदार की ही है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिरकार थानेदार की महत्वपूर्ण कुर्सी पर कोई बाहरी व्यक्ति किस हैसियत से बैठ सकता है। इधर तस्वीर वायरल होने के बाद पुलिस मामले की पड़ताल में जुट गई है। वहीं इस बाबत एसपी उपेन्द्रनाथ वर्मा ने बताया कि थानाध्यक्ष की कुर्सी पर वायरल तस्वीर की जानकारी ली जा रही है। अनुशासनहीनता का यहाँ मामला बनता है। एसपी ने जांचोपरांत उचित कार्यवाही की बात कही है।
सूत्रों के हवाले से ये पता चला है कि अमित कन्हैया इस थाने को ही मैनेज करता है और पुलिसकर्मियों से पक्की यारी है। यानि काम होना और न होना दोनों इसी के इशारे पर होता है