लोहरदगा: ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल से लोहरदगा जिला अंतर्गत कुडू प्रखंड के कोलसिमरी-नदी नगड़ा पथ में कोयल नदी पर 12 वर्ष पूर्व 2.95 करोड़ की लागत से बने पुल का एक पिलर मंगलवार रात धंस गई। जिससे इस ग्रामीण पथ पर आवागमन बाधित होने के साथ वाहनों का परिचालन ठप हो गया है। नदी से अवैध बालू निकासी के कारण तीन करोड़ के पुल धंसने की चर्चा क्षेत्र में बनी हुई है। कोलसिमरी नदी-नगड़ा पथ पर कोयल नदी में बने पुल का एक पिलर धंसने से इस रास्ते से दो दर्जनों गांव के लोगों का आवागमन बाधित हो गया है। इन दो दर्जन गांवों के लोगों को कुडू प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए अब 10 किलोमीटर की ज्यादा दूरी तय करना पड़ेगा। कुडू प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क पर आवागमन बाधित होने से ग्रामीण परेशान है, सब्जी उत्पादन के लिए मशहूर इस क्षेत्र का मुख्य बाजार कुडू ही है, ऐसे में पुल का एक पिलर धंसने से ग्रामीणों के समक्ष बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। ग्रामीण ध्वस्त पुलिया के ऊपर से ही जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं, जो खतरनाक साबित हो सकता है। इधर ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल से निविदा से 2.95 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण कार्य मैहर कंस्ट्रक्शन ने कराया था। करोड़ों रुपए की लागत से बने पुल के एक पिलर धंसने से विशेष प्रमंडल द्वारा कराए गए पुल निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा हो गया है। हालांकि अवैध बालू निकासी इसका मुख्य कारण बना है।
ग्रामीण यह भी बताते हैं कि पुल निर्माण कार्य पूरा होने के बाद वर्ष 2017 में एक पिलर धंसा था, जिसे तात्कालिक उपायुक्त विनोद कुमार के आदेश पर जैक के सहारे पिलर को उठाकर मरम्मत कराया गया था। पुल निर्माण के गुणवत्ता पर कई बार सवाल खड़ा हुए थे, लेकिन विभाग द्वारा इसपर ध्यान नहीं दिया गया। जिसका परिणाम अब सामने आ गया है।
विभागीय स्तर से जांच के बाद होगी कार्रवाई : ईई
लोहरदगा : कोलसिमरी-नदी नगड़ा पथ में कोयल नदी पर 2.95 करोड़ से बने पुल का एक पिलर धंसने के बाद आवागमन बाधित होने के मामले पर ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता सुरेश पासवान का कहना है कि मुझे इस बारे में जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि 12 वर्ष पहले बने पुल हाई लेवल ब्रिज की श्रेणी में नहीं आता है। ग्रामीण विकास विभाग को इसकी जानकारी दे दी गई है। विभागीय स्तर से जांच के बाद आगे की कार्रवाई होगी।