पटनाः जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह जल्द ही प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज में शामिल हो सकते है। बिहार के राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा गर्म है। रविवार को आरसीपी सिंह इस मामले को लेकर मीडिया के सामने अपनी बातें रख सकते है। अगर आरसीपी सिंह जनसुराज के साथ जाएंगे तो वो जेडीयू के दूसरे नेता होंगे जो पार्टी के सर्वोच्च पद पर जाने के बाद दूसरी पार्टी में शामिल होंगे। इससे पहले शरद यादव जो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे तो उन्होने जेडीयू छोड़कर आरजेडी की सदस्यता ले ली थी।
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हालांकि आरसीपी सिंह ने बहुत पहले ही जेडीयू छोड़ दिया था। मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री बने थे। पार्टी के नेता नीतीश कुमार की बिना सहमति लिये वो केंद्रीय कैबिनेट में उस वक्त शामिल हो गये जब नीतीश ने महागठबंधन छोड़कर एनडीए में जाने का फैसला किया। आरसीपी के इस फैसले का बहुत विरोध हुआ और नीतीश कुमार ने राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होने के बाद आरसीपी की जगह झारखंड से खीरू महतो को राज्यसभा भेज दिया। इसके बाद एनडीए में किनारे लगाये जाने के बाद आरसीपी सिंह ने सात महीने पहले अपनी पार्टी आसा (आशा और सामाजिक उत्थान) बनाई और बिहार में 140 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया।
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नालंदा और उसके आसपास उन्होने मिस कॉल के जरिये पार्टी से जुड़ने के अभियान से लेकर संगठन मजबूती के कई प्रयास किये लेकिन वो रंग लेता हुआ नजर नहीं आया। अब अपनी राजनीतिक लड़ाई को लेकर उन्हे किसी मजबूत साथी चाहिए। इसलिए कयास लगाये जा रहे है कि आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर एक साथ आ सकते है। प्रशांत किशोर और आरसीपी दोनों एक समय नीतीश कुमार के करीबी रहे है, आरसीपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तक पहुंचे तो प्रशांत किशोर को नीतीश कुमार ने जेडीयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था।