कांग्रेस नेता और पूर्व विदेश मंत्री के नटवर सिंह का शनिवार को 93 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्हें दो सप्ताह पहले अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। गुड़गांव के अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। जानकारी के मुताबिक परिवार के लोग उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करेंगे। 2004-05 में के नटवर सिंह यूपीए की सरकार में विदेश मंत्री थे।
इसके अलावा वह पाकिस्तान के राजदूत भी रहे और 1966 से 1971 तक पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यालय से जुड़े थे। उन्होंने केंद्रीय स्टील, खनन और कोयला मंत्री के तौर पर भी सेवा दी। इसके अलावा राजीव गांधी सरकार में 1985-86 के दौरान कृषि मंत्री रहे।
के नटवर सिंह का जन्म 16 मई 1931 को राजस्थान के भरतपुर में हुआ था। वह एक शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से भी शिक्षा ली। भारतीय विदेश सेवा में उन्होंने सेवा दी और लंबे समय तक भारत के राजनयिक रहे। पाकिस्तान में भी वह भारत के राजदूत रहे। 1984 में उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा। इसके बाद कांग्रेस के टिकट पर भरतपुर से सांसद बने। 2005 में ऑयल फॉर फूड घोटाले में नाम आने के बाद उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
उन्हें पद्मभूषण सम्मान से भी नवाजा गया था। ‘वन लाइफ इज नॉट इनफ’ उनकी आत्मकथा है जो कि काफी लोकप्रिय है। इस किताब में उन्होंने बताया कि कैसे सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बनने वाली थीं लेकिन अंत समय में उन्होंने पद को स्वीकार नहीं किया।
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