पटना: इस वक्त की बड़ी खबर बिहार से आ रही है जहां चलती ट्रेन से अधिकारी को अगवा करने की खबर के बाद हड़कंप मच गया था। पुलिस और जीआरपी उसकी खोज में जुट गई थी। कोशी एक्सप्रेस से ग्रामीण विकास पदाधिकारी दीपक कुमार के अगवा होने की सूचना के साथ पुलिस और जीआरपी एक्टिव हो गई और चंद घंटे में ही दीपक को बख्तियारपुर के एक होटल से बरामद कर लिया। दीपक ने खुद ही अपने अपहरण की साजिश रची थी और घर वालों को अपने अगवा होने की सूचना दी थी।
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जानिये पूरा घटनाक्रम कैसे दीपक ने अपने परिवार और पुलिस को दिया था चकमा
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कोशी एक्सप्रेस से गया जाने के दौरान खुसरूपुर स्टेशन से खुद के अगवा होने की सूचना दीपक ने अपने फोन से परिजनों को दी थी। जिसके बाद से उनका फोन बंद हो गया। परेशान परिजनों ने इसकी जानकारी खुसरूपुर जीआरपी को दी है। बताया जाता है कि बेगूसराय जिला के तेघरा थाना क्षेत्र के अम्बा निवासी रामानंद पाठक के पुत्र दीपक को स्वजनों ने हाथीदह में ट्रेन चढ़ाया।उन्हें गया में योगदान देना था।हथियारबंद अपराधियों ने कोशी से दीपक को जबरन उतार लिया।नजाकत को भांपते हुए दीपक प्लेटफार्म से खेत की ओर भागने लगे।भागने के दौरान ही फोन से उन्होंने स्वजनों को सूचना दी।इस बीच दीपक का फोन स्विच ऑफ बताने लगा।फोन की सूचना पर अम्बा से उनके स्वजन खुसरूपुर पहुंच जीआरपी और स्थानीय थाना को सूचना दी है।दीपक के चचेरे भाई हरिशंकर पाठक ने बताया कि दीपक की शादी हो चुकी है और उसके दो बच्चे भी है। फिलहाल वे छौराही प्रखंड कार्यालय में लेखापाल के पद पर कार्यरत हैं। BPSC से वे RDO के लिए चयनित हुए हैं।जीआरपी ने बताया कि दीपक की मोबाइल नंबर के माध्यम से जांच शुरू की गई है।