लातेहारः झारखंड के आदिवासियों की किस्मत में आज भी सड़क-बिजली और स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं है । सरकारें किसी की भी हो सांसद कोई भी हो आदिवासियों की किस्मत में बिना इलाज के मौत लिखी है । ना आयुष्मान कार्ड काम आया और ना ही 108 की सेवा । लातेहार में महिला की मौत जंगल के रास्ते में उसी खाट पर हो गई जिसे एबुलेंस बना कर उसे इलाज के लिए लाया जा रहा था ।
खाट पर बीमार महिला को लाया जा रहा था
लातेहार जिले के जंगली पहाड़ी महुआडांड प्रखंड के बसेरिया गांव में सड़क नहीं होने के कारण इलाज के अभाव में एक आदिवासी महिला की मौत हो गई। गांव में बिजली, पानी व सड़क नहीं है। सड़क नहीं होने के कारण बीमार महिला को खाट पर लाद कर इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा दल लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला की मृत्यु रास्ते में हो गई।
सड़क से 12 किलोमीटर दूर है गांव
ग्रामीण महिला के शव को लेकर वापस गांव लौट गए। मुख्य सड़क से गांव की दूरी 12 किलोमीटर है। गांव में सड़क नहीं होने के कारण वाहनों का परिचालन नहीं होता है जिससे किसी के बीमार होने पर 12 किमी तक खाट पर लाद कर उसे रोड तक लाना पड़ता है। इसके बाद वहां वाहन की मदद से इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जाता है ।
मंत्री वैद्यनाथ राम का है इलाका
लातेहार देश के सबसे गरीब जिलों में एक है । आज भी ग्रामीण इलाकों में आधारभूूत सुविधाओं का आभाव है । हर साल दर्जनों लोगों की मौत इसी तरीके से हो जाती है । पिछले दस वर्षों से सांसद सुनील सिंह थे और अब बीजेपी के ही कालीचरण है । इतना नहीं झारखंड सरकार के मंत्री वैद्यनाथ राम भी इसी इलाके से आते हैं।