बांग्लादेशी घुसपैठ केस में ईडी को मोबाइल चैट से पैसों के लेनदेन के बड़े सबूत मिले हैं। बांग्लादेशी नागरिकों को घुसपैठ कराने के बाद बड़े पैमाने पर देह व्यापार व देश विरोधी गतिविधियों में लगाने की बात ईडी ने कही है। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि गिरफ्तार आरोपियों व जिन संदिग्धों के मोबाइल ईडी ने जब्त किए हैं, उनके मोबाइल में बड़े पैमाने पर पैसों के लेनदेन के साक्ष्य मिले हैं।
ईडी को इस केस में मनीषा राय व झुमा की तलाश है। झुमा बांग्लादेशी युवती है, जबकि मनीषा राय पश्चिम बंगाल की रहने वाली है। चार जून को रांची पुलिस की छापेमारी के दौरान झुमा बाली रिसॉर्ट से मौक से निकल भागी थी। वहीं, इस दौरान तीन बांग्लादेशी युवतियों को रिसॉर्ट से बरामद किया गया था।
ईडी ने कोर्ट को बताया है कि 31 मई को बांग्लादेशी युवती निपा अख्तर उर्फ खुशी, हसा अख्तर उर्फ हसा विश्वास को बांग्लादेश से नौकरी के नाम पर अवैध तरीके से भारत भेजा गया था। इसके बाद उन्हें फर्जी आधार व वोटर आईडी कार्ड दिया गया, जिसमें उनके बदले नाम थे।
3 जून को सभी को कार से कोलकाता से रांची लाया गया था। यहां तब झुमा पहले से मौजूद थी, जबकि मनीषा के नाम पर रिसॉर्ट का कमरा बुक किया गया था। यही वजह है कि अब एजेंसी मनीषा व झुमा को तलाश रही है।
मनीषा के मोबाइल नंबर से भी कई बांग्लादेशी व भारत के दलालों के साथ लगातार संपर्क की बात सामने आयी है। ईडी अब सोमवार से इस केस में गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक रॉनी मंडल, संदीप चौधरी, पश्चिम बंगाल निवासी पिंटू हलधर व पिंकी नाम की युवती से पूछताछ करेगी।
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