हजारीबागः एनटीपीसी कोल माइंस प्रोजेक्ट के डीजीएम कुमार गौरव हत्याकांड में अबतक पुलिस के हाथ खाली ही है। हालांकि इस मामले में गठित एसआईटी ने जांच तेज कर दी है और पिछले 24 घंटे में नौ संदिग्धों से पूछताछ की है। रविवार को जेपी कारा में बंद कई गैंगस्टर और शूटरों से पूछताछ की गई। पुलिस ने जिन संदिग्धों से पूछताछ की है उसमें एसयूवी पर सवार एनटीपीसी के केमिस्ट संवेदक मोहम्मद जावेद और ड्राइवर भी शामिल है। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं एनटीपीसी के किसी अन्य कर्मी को कहीं से धमकी मिली हो या विवाद हो, जिसका खामियाजा गौरव को भुगतना पड़ा।
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इस मामले में बोकारो जोन के आईजी एस माइकल राज ने हजारीबाग के डीआईजी संजीव कुमार और एसपी अरविंद कुमार सिंह को अपराधियों की गिरफ्तारी करने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा है। वहीं इस हत्याकांड को लेकर गठित एसआईटी ने बड़कागांव, केरेडारी, गिद्दी, उरीमारी, भुरकुंडा, पतरातू समेत अन्य इलाकों में छापेमारी की है। पुलिस को आशंका है कि इस हत्याकांड में शामिल शूटर बिहार या यूपी के हो सकते है।
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वहीं डीजीएम गौरव हत्याकांड का असर कोल ट्रांसपोर्टेशन पर भी देखने को मिला। केरेडारी चट्टी, बरियातू, पकरी बरवाडीह सहित कई इलाके में कोयला डिस्पैच और ट्रांसपोर्टेशन का काम पिछले 24 घंटे से बंद है। हजारीबाग में प्रत्येक दिन 80 हजार टन कोयले का उत्पादन और 15 रैक कोयला डिस्पैच किया जाता है। पिछले करीब दो दिनों से कोयला उत्पादन ठप होने से राज्य सरकार को करीब 10 से 12 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है। हजारीबाग से कोयला विभिन्न ऊर्जा संयंत्र तक पहुंचता है, जहां विद्युत बनता है। खनन और ट्रांसपोर्टेशन गतिविधियों के बंद होने से अर्थव्यवस्था पर भी भारी नुकसान हो रहा है। भारत के कई ऐसे संयंत्र हैं जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से NTPC द्वारा संचालित भारत की सबसे बड़ी कोयला खदानों में से एक पर निर्भर है। यहां अधिकारियों को सुरक्षा नहीं मिलने के कारण दहशत का माहौल है और वह कैसे कम करें इसे लेकर उनके परिवार चिंतित है।