आरक्षण के मामले पर विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। वेल में उतरकर सरकार के विरोध में खूब नारेबाजी की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में विपक्षी सदस्य हाय-हाय का नारा लगाने लगे। इस पर सदन में मौजूद सीएम खड़े हुए और कहा कि विपक्षी सदस्य मुख्यमंत्री हाय-हाय का नारा लगा रहे हैं। उनको भी हाय-हाय। सब हाय-हाय। सीएम के इस बयान के बाद दिन भर वार-पलटवार का दौर जारी रहा।
इसके पहले विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरक्षण पर सरकार की स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि ये मेरी ही कल्पना थी। हमने ही इसकी पहल की थी। किसी को कुछ आइडिया भी नहीं था। सबको पता है कि मैंने ही सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। सबकी सहमति से जातिगत गणना का निर्णय लिया गया। भूल जाते हैं कि हमने इसके लिए क्या-क्या किया। जातिगत सर्वे के बाद जब यह जानकारी मिली कि 94 लाख गरीब परिवार हैं तो उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर करने के लिए दो-दो लाख देने का निर्णय लिया गया। साथ ही आरक्षण की सीमा बढ़ाई गई। 50 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी आरक्षण किया गया। 10 फीसदी केंद्र सरकार ने सभी वर्गों के गरीब सवर्णों को आरक्षण दिया था।
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सीएम ने कहा कि पटना हाईकोर्ट ने आरक्षण के विरोध में निर्णय सुनाया है। निर्णय आते ही राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई है। जहां तक नौवीं अनुसूची में शामिल कराने का मामला है, बिहार सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार से अनुशंसा कर दी है। विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे से नाराज सीएम ने कहा कि आखिर आप चाहते क्या हैं। विपक्षी सदस्य आज विशेष राज्य का दर्जा की मांग कर रहे हैं। हम तो 2010 से ही इस मसले पर आंदोलन कर रहे हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले लेकिन कांग्रेस नहीं मानी। केवल ऐसे ही बोलते रहते हैं। कांग्रेस को तो सब पता है। उनको तो सच बोलना चाहिए। कांग्रेस ने बिहार की मांगों की अनदेखी की।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला लेकिन केंद्र सरकार काफी मदद कर रही है। कई तरह से बिहार को मदद दी जा रही है। योजनाओं के लिए पैसा दिया गया है। अतिरिक्त सहायता दी गई है। ऐसे में विपक्षी सदस्यों के हंगामे का कोई मतलब नहीं है। राजद विधायक रेखा देवी की ओर से की जा रही नारेबाजी पर सीएम ने कहा कि आपको कुछ नहीं पता। महिलाओं के लिए राजद ने कभी कुछ नहीं किया। 2005 से ही हम महिलाओं के लिए काम कर रहे हैं। हमारी बात कोई सुनना नहीं चाहता है तो उसकी गलती है। विपक्षी सदस्यों के आचरण पर सीएम ने कहा कि यह गलत है। सदन में सबको सरकार की बात सुननी चाहिए।