रांचीः अंबा.. छाई हुई है । चुनावी माहौल में उम्मीदवार नहीं लेकिन उम्मीद है अंबा..इसीलिए इस बार सरहुल में अंबा के ही गीत सुनाई दे रहे हैं । सखुआ के दरख्तों के बीचों अंबा डाले कोयलो कुहू-कुहू गावे की दिलकश आवाज.. अंबा प्रसाद का यह गीत प्रकृति पर्व सरहुल में हर ओर सुनाई दे रहा है । झारखंड को नहीं समझने वाले और अंबा के इस एलबन को हल्के में लेने वाले बड़ी भूल करने वाले हैं, राजनीतिक तौर से इस गीत का कितना बड़ा असर पड़ने वाला है शायद ही किसी को अंदाजा होगा ।
कांग्रेस की विधायक अंबा प्रसाद बड़कागांव से बाहर निकल पूरे झारखंड पर छा चुकी हैं…उनकी लोकप्रियता का मुकाबला कल्पना सोरेन से है । सरहुल इस राज्य का सबसे बड़ा पर्व है । लाखों की तादाद में रांची की सड़कों पर सफेद और लाल धारी वाले लिबास में प्रकृति के पुजारी जब निकल रहे हैं तो उनके मोबाइल फोन से लेकर लाउडस्पीकर तक में सरहुल के गीत ही सुनाई दे रहे हैं ।
अंबा छा गई है । अंबा के इस कद से झारखंड की कई लोकसभा सीटों पर असर पडने वाला है । हजारीबाग, चतरा, धनबाद और गिरिडीह पर तो सीधा-सीधा असर है.. साथ ही रांची और खूंटी तक जिया हरसाय बीजेपी के कलेजे पर जख्म करने के लिए काफी है ।
.राजनीतिक जानकार मानते हैं अंबा की लोकप्रियता का असर देख ही प्रवर्तन निदेशालय ने चुनावी माहौल अंबा प्रसाद पर शिकंजा कस लिया.. हजारीबाग सीट से कांग्रेस को अंबा जैसी उम्मीदवार नहीं मिलने देना भले ही बीजेपी के लिए बड़ी जीत मानी जा रही हो लेकिन जिया हरसाय ने तो नुकसान कर दिया ..यकीन नहीं होता तो यूट्यूब पर अंबा के एलबम पर आने वाले कमेंट का विश्लेषण कर लिजिए
परम्परा को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे है । बहुत ही अच्छा लगता है ।
बहुत बहुत धन्यवाद
करने के लिए दीदी अंबा का सरहुल गीत बहुत अच्छा लग रहा है सरहुल गीत गाने के बहुत बहुत धन्यवाद जय जोहार जय मूलनिवासी
इस तरह के हजारों कमेंट मिल जाएंगे …और सबसे बड़ी बात ये है कि इनमें कहीं भी नेगेटिव इमेज नजर नहीं आएग। चाहे ईडी ने अंबा के खिलाफ पूछताछ का मोर्चा खोल रखा हो । वो छा हुई हैं । युवा नेता के तौर पर अंबा स्थापित हो चुकी है । अब चाहे उनके खिलाफ कितनी भी जांच क्यों न हो जाए.. सरहुल का गीत गाकर उन्होंने झारखंड के बड़े वोट बैंक पर असर तो डाल ही दिया है ।