पटना : बिहार सत्ता परिवर्तन का समय जैसे जैसे नजदीक आ रहा है , हर पर्दा उठता चला जा रहा है। शुक्रवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजभवन में हुए कार्यक्रम के दौरान भी यही नजर आया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल से बातचीत के दौरान जहां काफी सहज नजर आ रहे थे, वही उनके साथ उनके डिप्टी सीएम राजभवन के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ गणतंत्र दिवस के मौके पर हो रहे समारोह में शामिल हुए।
इस दौरान दो दिलचस्प वाकया देखने को मिला। पहला वाकया तेजस्वी यादव को लेकर हुआ, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव राजभवन नहीं गए। मुख्यमंत्री के बगल में उनकी कुर्सी लगी हुई थी। जेडीयू कोटे से मंत्री अशोक चौधरी ने मुख्यमंत्री के बगल में लगे कुर्सी जिसमें डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के नाम था वो फांड दिया, और मुख्यमंत्री के बगल में जा बैठे। इस घटना ने आरजेडी और जेडीयू के टूट रहे रिश्ते और नीतीश-तेजस्वी के बीच बढ़ी दूरियों को स्पष्ट कर दिया।
वही वाकया जीतन राम मांझी के साथ हुआ जो राजभवन में हो रहे समारोह में शामिल होने गए थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जीतन राम मांझी के साथ काफी देर तक बात करते रहे, इस दौरान नीतीश कुमार ने मांझी के पीठ को भी सहलाया और कंधे पर हाथ रखकर कुछ देर तक बात की। ये दो घटनाएं बता रही है कि अब नीतीश और बीजेपी का एक बार फिर मिलन होना तय है अब औपचारिकताएं ही शेष रह गई है।