Muzaffarpur News: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की साइबर थाना पुलिस ने आईपीएल (IPL 2025) के नाम पर क्रिकेट (Cricket) में सट्टा (Satta Bazar) लगाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। ये शातिर मुजफ्फरपुर में बैठकर पूरे देश को ड्रीम-11 (Dream-11) जैसे ऑनलाइन जुए के जाल में फंसा रहे थे। मुजफ्फरपुर पुलिस ने भारत सरकार के प्रतिबिंब पोर्टल से मिले अनजान मोबाईल नम्बर के जांच में बड़ा खुलासा किया।
मुजफ्फरपुर की साइबर सेल पुलिस को पता चला कि मुजफ्फरपुर के किराए के घर के बंद कमरे में चार शातिर साइबर ठग बैठ कर देश भर के लोगों के साथ ड्रीम-11 में जिताने के नाम पर ठगी कर रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाया और अपराधी धरे गए। जिस कमरे में साइबर फ्रॉड एक मोबाइल नम्बर से लोगों को ठग रहे थे। उस मोबाइल नम्बर का ट्रेस करते हुए वहां मुजफ्फरपुर साइबर सेल की टीम पहुंच गई और साइबर फ्रॉड गिरोह के शातिर बदमाशों को धर दबोचा।
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हालांकि, इसका मास्टर माइंड मौके से फरार हो गया। मास्टरमाइंड की तलाश में पुलिस जुट गई है। जानकारी के अनुसार गिरफ्तार तीनों शातिर दूसरे जिला से आकर गिरोह का संचालन कर रहे थे। साइबर डीएसपी हिमांशु कुमार के नेतृत्व में गठित साइबर थाने की पुलिस ने करोड़पति बनाने के नाम पर ठगी करने वाले तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है।
जिस मोबाइल नम्बर का उपयोग साईबर ठग कर रहे थे, उस नंबर पर महाराष्ट्र से भी एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी। इन सभी शातिरो से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। भारत सरकार के प्रतिबिंब पोर्टल से मुजफ्फरपूर साइबर सेल को एक संदिग्ध मोबाईल नम्बर भेजा गया। जब उस संदिग्ध मोबाइल नम्बर की जांच की गई, तो उस नम्बर के टावर की लोकेशन काजी मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के मझौलिया रसूलपुर जिलानी वार्ड-10 स्थित एक मकान में मिली। जब वहां पुलिस ने छापेमारी की तो तीन शातिर बदमाश पकड़े गए। इस दौरान इसका मास्टरमाइंड मौके से भागने में सफल रहा।
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गिरफ्तार बदमाशों की पहचान सिवान जिले के बसंतपुर निवासी आलोक कुमार, गोपालगंज जिले के सिंधवलिया निवासी संदीप कुमार और उसी गांव के बृजेश कुमार के रूप में हुई है। फरार अपराधी की पहचान प्रिंस कुमार के रूप में हुई। पुलिस ने गिरफ्तार बदमाशों के कमरे से 10 एटीएम कार्ड, 8 मोबाइल फोन, 65 हजार नगदी और 2 गूगल-पे का बार कोड स्कैनर और अन्य दस्तावेज बरामद किया गया है। पुलिस ने बताया कि ये लोग पूरे देश में ड्रीम 11 एप पर खिलाड़ियों का चयन करके कोड देने के नाम पर लोगों से रुपए ठगते थे। गिरफ्तार बदमाशों का तार मध्य प्रदेश से भी जुड़े हुए हैं, जिसका जांच की जा रही है।
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