डेस्क सोमवार को स्पेन और पुर्तगाल में अचानक एक भीषण बिजली संकट उत्पन्न हो गया, जिससे सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था, ट्रैफिक सिग्नल और अस्पतालों की सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं।
मैड्रिड से लेकर लिस्बन तक बिजली कटौती की खबरें सामने आईं, और सोमवार दोपहर तक आइबेरियन प्रायद्वीप के बड़े हिस्से में बिजली गायब थी।
स्पेन की बिजली प्रणाली संचालक कंपनी रेड एलेक्त्रिका के निदेशक एडुआर्डो प्रिएतो ने बताया कि “बिजली नेटवर्क में अत्यधिक तेज दोलन” के कारण स्पेन का बिजली नेटवर्क यूरोपीय ग्रिड से अलग हो गया और दोपहर 12:38 बजे आइबेरियन विद्युत प्रणाली पूरी तरह चरमरा गई।
प्रिएतो ने यह बताने से इनकार कर दिया कि इस तेज बिजली उतार-चढ़ाव का सटीक कारण क्या था, और यह भी साफ नहीं किया कि साइबर हमले की इसमें कोई भूमिका है या नहीं। उन्होंने यह जरूर कहा कि कुछ क्षेत्रों में बिजली बहाल कर दी गई है, लेकिन पूरे देश में बिजली आपूर्ति को पूरी तरह सामान्य करने में 6 से 10 घंटे तक का समय लग सकता है।
स्पेन और पुर्तगाल की बिजली व्यवस्था आपस में गहराई से जुड़ी हुई है, जिसे ऊर्जा द्वीप के रूप में जाना जाता है। यह प्रणाली फ्रांस के साथ सीमित क्रॉस-बॉर्डर कनेक्शन के जरिए शेष यूरोप से जुड़ी है। यूरोपीय आयोग कई वर्षों से इन देशों के ऊर्जा नेटवर्क के बेहतर एकीकरण की मांग कर रहा है, लेकिन मैड्रिड, लिस्बन और पेरिस की सहमति के बावजूद इस दिशा में प्रगति बहुत धीमी रही है।
पुर्तगाल के ऑपरेटर ई-रेडेस ने कहा कि यह ब्लैकआउट “यूरोपीय बिजली ग्रिड में समस्या” के कारण हुआ। प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, वोल्टेज असंतुलन इसकी मुख्य वजह था। पुर्तगाल के राष्ट्रपति मामलों के मंत्री एंटोनियो लीटाओ अमारो ने कहा कि असंतुलन संभवतः “स्पेन की ट्रांसमिशन प्रणाली में किसी समस्या” से जुड़ा है, जिसका विस्तृत विश्लेषण अभी किया जा रहा है।
स्पेन की यूक्रेन और गाजा युद्धों के प्रति विरोधी स्थिति ने देश को साइबर हमलों का प्रमुख निशाना बना दिया है। देश के जॉइंट साइबरस्पेस कमांड और नेशनल क्रिप्टोलॉजिक सेंटर इस ब्लैकआउट की संभावित साइबर एंगल से जांच कर रहे हैं।
यह पहली बार नहीं है जब यूरोप में बिजली संकट ने व्यापक असर डाला हो। 2003 में स्विट्ज़रलैंड में एक पेड़ से बिजली लाइन क्षतिग्रस्त होने के बाद पूरा इटली अंधेरे में डूब गया था।