रांचीः झारखंड में नई उत्पाद नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे दिया है। इस ड्राफ्ट पर कई विभागों से सहमति भी ले ली गई है। अब इसे कैबिनेट में भेजने की तैयारी है, कैबिनेट की मंजूरी के बाद नई नीति लागू हो जाएगी।
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उत्पाद विभाग ने जो नई उत्पाद नीति बनाई है इसमें कई बदलाव किये गये है। इस उत्पाद नीति के तहत एक बार फिर से शराब बेचने की जिम्मेदारी निजी हाथों में जाएंगी। दुकानों का आवंटन ई-लॉटरी के माध्यम से होगा। इसके लिए एनआईसी ने सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया है। उत्पाद विभाग के मुख्यालय एवं प्रमंडलीय स्तर पर कमेटी का गठन कर इसकी टेस्टिंग की जा रही है। नई उत्पाद नीति में शराब बिक्री का समय एक घंटा बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। अभी झारखंड में शराब दुकानें सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक खुली रहती है, इसे बढ़ाकर रात 11 बजे तक करने की तैयारी है।
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राज्य में अभी 1400 से ज्यादा विदेशी शराब की दुकानें है, इसमें से कुछ दुकानें कंपोजिट है, यानी एक ही दुकान में देसी और विदेशी दोनों शराब मिलती है। नई नीति के तहत अब अधिकतर दुकानों में देसी-विदेशी शराब मिलेंगी। इस बार ऑन दुकान का भी प्रावधान किया गया है। इस दुकानों में बैठकर शराब नीले की व्यवस्था होगी। विभाग की ओर से शराब के लिए कैश की जगह ऑनलाइन भुगतान पर जोर दिया गया है।
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नई उत्पाद नीति में शराब की दुकानों में एकाधिकार रोकने की रणनीति बनाई गई है। प्रस्ताव में कहा गया है कि पूरे राज्य में एक व्यक्ति, एक संस्था या एक संगठन अधिकतम नौ समूह ही लॉटरी के माध्यम से जे सकता है। एक समूह में एक से चार दुकानें है। अगर एक व्यक्ति को अधिकतम नौ समूह की दुकान मिलती है तो भी अधिकतम 36 दुकानें ही मिलेंगी। अगर कम संख्या वाला समूह मिला तो दुकानों की संख्या 36 से कम होंगी।
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नई उत्पाद नीति में कहा गया है कि अगर लाइसेंसी दुकानों में अवैध शराब मिली तो लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। तीन बार अनियमितता मिलने पर दंड का प्रावधान किया गया है, लेकिन चौथी बार में लाइसेंस को रद्द किया जाएगा। दुकानदारों को सेल्समैन रखने के लिए विभाग से अनुमोदन लेना होगा। दुकान में अगर कोई दूसरा सेल्समैन मिला तो पहली बार में पांच हजार और दूसरी बार में दस हजार रुपया जुर्माना लिया जाएगा। एमआरपी से ज्यादा कीमत पर शराब बेचने पर भी दंड का प्रावधान किया गया है।