रांचीः विधानसभा के बजट सत्र चौथे दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में बोलते हुए विपक्ष पर जबदस्त हमला किया। उन्होने मंईयां सम्मान से लेकर बालू-बिजली सभी मुद्दों पर विपक्ष के हर सवालों का बड़ी मजबूती के साथ जवाब दिया। उन्होने विपक्ष के सवालों पर कहा कि हर बॉल पर छक्का लगेगा कभी भी चौका नहीं लगेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इनको पता है कि इनका आने वाले समय में क्या हश्र होने वाला है। ये लोग ऐसे ऐसे षड्यंत्र रच रहे है, जो अभी मुझे पता चला, जो इस भाषण से अगल है, मुझे याद आया तो मै चाहता हूं कि बता दूं। विधानसभा अध्यक्ष महोदय आपने भी देखा होगा कि अपने पिता के स्वास्थ्य को लेकर कई दिनों तक मै अस्पताल में था, तो थोड़ा मुझे भी सर्दी-खासी हो गई। इसके बाद मै मास्क लगाकर घूम रहा था। कल भी एक अस्पताल गया हमारी राज्यसभा सांसद महुआ माजी को सड़क दुर्घटना में चोट आई तो मै मास्क लगाकर उनको देखने गया। तुरंत लोगों ने अफवाह उड़ाया कि मुख्यमंत्री को लंग्स में प्राब्लम हो गया है। कोई गंभीर बीमारी, मुझे कैंसर हो गया है। कुछ लोगों ने ये भी अफवाह उड़ाया है कि सरकार कोई काम नहीं करेगी, सरकार काम करने की इच्छा में नहीं है। सरकार दो साल के बाद काम करेगी। आखिर ये बात करता कौन है, इस तरह के अफवाह बनाते कौन है। मुख्यमंत्री बीमार है चल नहीं सकता, उठ नहीं सकता, कही न कही ये षड्यंत्रकारी जमात है।
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मुख्यमंत्री के इस बयान के दौरान हीं विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया तो इसका जवाब देते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि दिल्ली में तो विपक्ष के विधायकों को निष्कासित कर दिया गया, लेकिन ये तो खुद ही यहां निष्कासित हो गये। इनका यही हाल होगा।
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इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने मंईयां सम्मान योजना को लेकर बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि हरियाणा में बीजेपी की सरकार सितंबर में बनी मंईयां सम्मान के नाम पर महिलाओं को कुछ नहीं मिला। दिल्ली में भी बन गया है लेकिन वहां भी कुछ नहीं। हम विधानसभा अध्यक्ष को धन्यवाद देंगे कि उन्होने ऐसे निकम्मी विपक्ष को सम्मान देने का काम किया, दिल्ली में तो विपक्ष को बाहर कर दिया गया है आज विधानसभा की कार्रवाई से। हम लोग जो कहते है वो करके दिखाते है, आज देखिये ये महिला को क्या सम्मान देते है, ओडिशा में 830 रुपया देते है, मध्यप्रदेश में 1100 रुपया देते है, असम में क्या देते है, जो यहां आकर 6 महीना तक सरकार को अपदस्त करने का प्रयास किया वो मुख्यमंत्री मंईयां को 1200 रुपया देने का काम कर रहा है। चिंता मत करिये आने वाले समय में असम में भी इनका सुपड़ा साफ होगा।
मुख्यमंत्री ने आगे केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि केंद्र सरकार अपने खेल बजट का 30 प्रतिशत केवल गुजरात को देता है, जहां का एक भी नौजवान मेडल नहीं जीतता है और यहां मात्र 20-20 करोड़ रूपये देता है और यहां देखिये मेडलो की झड़ी लगी रहती है। लेकिन पैसे के अभाव में और सीमित संसाधन में हमें काम करना पड़ता है लेकिन इसको लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं, हम कम संसाधन में ही काम करने के संकल्प के साथ चलते है।