झारखंड में सियासी भूचाल लगता है कि थम गया है। भाजपा का ऑपरेशन लोटस फेल होता हुआ नजर आ रहा है। एक ओर जहां चंपाई सोरेन दिल्ली से रांची लौट रहे हैं। वहीं, लोबिन हेंब्रम रांची के एक अस्पताल में भर्ती हो गए हैं। सियासी सरगरमी के बीच झामुमो की पैनी नजर है। इसके साथ ही हर गतिविधि पर राजनीतिक पंडितों भी अटकलें लगा रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन दो दिनों के दिल्ली प्रवास के बाद मंगलवार को रांची लौट रहे। संभावना जताई जा रही है कि दिल्ली में उनकी भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात हुई। सूत्रों के अनुसार अगले कुछ दिनों में रांची या जमशेदपुर में किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में चंपाई को भाजपा में शामिल कराया जा सकता है। चंपाई और भाजपा के किसी वरिष्ठ नेता की मुलाकात की आधिकारिक तौर पर जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। चंपाई के मामले में झामुमो की ओर से कुछ भी कहने से परहेज किया जा रहा है। हालांकि पार्टी हर गतिविधि पर नजर रख रही है।
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चंपाई सोरेन को लेकर क्या अटकलें
सूत्रों के मुताबिक, चंपाई सोरेन अगले कुछ दिनों में भाजपा में शामिल हो सकते हैं। रांची या जमशेदपुर में उन्हें भाजपा में शामिल कराया जा सकता है। वहीं हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बन्ना गुप्ता ने चंपाई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बन्ना ने चंपाई को कुर्सी का लोभी कहा है। बन्ना गुप्ता की टिप्पणी पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि बन्ना गुप्ता पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन पर जो आरोप लगा रहे हैं, उससे स्पष्ट हो गया है कि वर्तमान सरकार का कार्यकाल किसके राज के समान है। जाने-अनजाने बन्ना गुप्ता ने सच्चाई बता दी है और वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार की तुलना ऐसा राज से कर दी है, जिस बुराई पर अच्छाई की जीत होती है।
लोबिन हेंब्रम बीमार, अस्तपाल में भर्ती
झामुमो के बागी पूर्व विधायक लोबिन हेंब्रम के भी भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज थी। लेकिन इस बीच वह रांची के किसी अस्पताल में भर्ती हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार उन्हें नमोनिया हो गया है। लोबिन हेंब्रम बोरियो विधानसभा क्षेत्र से आते हैं। लेकिन उसी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के नेता ताला मरांडी भी प्रतिनिधित्व करते हैं। वह भाजपा के टिकट पर 2005 और 2014 में चुनाव जीत चुके हैं। 2019 में भाजपा ने उनका टिकट काट दिया था जिसके बाद आजसू के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े और तीसरे स्थान पर रहे। ताला मरांडी 2016 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी बनाए गए थे लेकिन तीन चार माह ही रह पाए थे।
आदिवासी नेता का अपमान: भाजपा
प्रतुल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री शब्दों की मर्यादा को भूल गए और कोल्हान की एक जमीन से जुड़े कद्दावर आदिवासी नेता का अपमान कर रहे हैं। इसके पहले भी स्वास्थ्य मंत्री अपने विवादास्पद कार्यों और टिप्पणियों के कारण जाने जाते रहे हैं। राज्य में विधि व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई। ग्रामीण क्षेत्रों में नक्सलियों का तांडव हो रहा है। शहरी क्षेत्र में संगठित आपराधिक गिरोह वकील, नेता, पुलिसकर्मी और आमजनों की हत्याएं कर रहे हैं। कानून व्यवस्था कायम करने और धर्म की रक्षा करने के लिए अगर कोई सिस्टम पर प्रश्न खड़ा करता है, जैसा चंपाई सोरेन ने किया तो उनको दूसरे लोगों के द्वारा टारगेट करवाया जाता है।
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