ईडी ने रांची में हुए जमीन घोटाले को लेकर खुलासा किया है। ईडी जांच में खुलासा हुआ है कि रांची के जमीन कारोबारी कमलेश कुमार ने फर्जी नीलामी पत्रों के जरिए करोड़ों की मनी लाउंड्रिंग की। इसमें कांके के सीओ रहे दिवाकर प्रसाद सी द्विवेदी, जयकुमार राम, जमीन कारोबारी अरविंद साहू, रेखा देवी समेत अन्य उसकी सहायक भूमिका में रहे।
ईडी ने कोर्ट में दायर चार्जशीट में बताया है कि कांके के पूर्व सीओ दिवाकर प्रसाद सी द्विवेदी ने 43 एकड़ जमीन पर कब्जे के बदले 3.50 करोड़ रुपए कमलेश कुमार से लिए थे। दिवाकर ने डील की पहली किस्त 20 लाख व दूसरी किस्त 60 लाख पूर्व जिला सब रजिस्ट्रार राहुल चौबे के हरिहर सिंह आवास में ली थी। राहुल चौबे और कमलेश ने इस बात को ईडी के समक्ष स्वीकार भी किया।
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तीसरी किस्त के 1.50 करोड़ रिंगरोड में दिए गए थे, जबकि अंतिम किस्त दिवाकर के डाटा इंट्री ऑपरेटर प्रवीण कुमार जायसवाल ने ली थी। कमलेश के मोबाइल से ईडी को एक तस्वीर भी मिली है, जिसमें कमलेश व डाटा इंट्री ऑपरेटर एक साथ बैठे हैं, जबकि अंतिम किस्त की राशि सामने रखी गई है। सभी संदिग्धों ने कबूल किया है कि अंतिम पेमेंट के पहले यह तस्वीर दिवाकर द्विवेदी को भेजी गई थी।
कमलेश कुमार के बारे में ईडी को पहला सुराग जमीन घोटाले में गिरफ्तार अभियुक्त शेखर कुशवाहा के मोबाइल में मिले चैट से मिला था। फर्जी नीलामी पत्र से जुड़े दस्तावेज मोबाइल चैट में मिले थे। रांची में बीएयू की 20 एकड़ जमीन समेत कांके अंचल की सैकड़ों एकड़ जमीन से करोड़ों की मनी लाउंड्रिंग के मामले में ईडी ने कमलेश कुमार के खिलाफ 21 जून को छापेमारी की थी।
तब 1.02 करोड़ नकदी, कारतूस समेत कई दस्तावेज व डिजिटल डिवाइस मिले थे। कमलेश व उसके सहयोगी अरविंद कुमार दूबे ने कई लोगों से बीएयू की प्रोजेक्ट रिवर व्यू की जमीन के नाम पर पैसे भी लिए। कांके में चामा, बुकरू, नगड़ी में हथियार व दबंगई से जमीन कब्जाने का खुलासा ईडी ने किया है।
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कहां-कहां कितनी जमीन हड़पी
ईडी ने जांच में पाया है कि कमलेश कुमार ने पूर्व कांके सीओ दिवाकर प्रसाद व वर्तमान सीओ जयकुमार राम की मिलीभगत से फर्जी नीलामी पत्र के जरिए 38 एकड़ 87 डिसमिल जमीन हड़पी। खाता नंबर 81, 28, 50, 75, 81, 73, 121, 114, 115, 119 समेत अन्य खाता में ये जमीन स्थित हैं। इस जमीन की कीमत 40.01 करोड़ आंकी गई है।
इसी तरह की 12 जमीनों को कमलेश कुमार ने अपने सहयोगियों के जरिए 17 फरवरी 2020 से 24 अप्रैल 2024 के बीच राजेश बथवाल, अंशुल जैन, संगीता वर्मा, विमल कीर्ति सिंह, उज्ज्वल चौधरी, रविकांत यादव, गणेश ठाकुर, परमजीत कौर, अमित कुमार मोदी, ऋषभ अग्रवाल, लक्ष्मी इंग्लीटेक प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स रॉयल इंस्ट्रूमेंट को बेची।
इन 12 डीड के जरिए कुल 2,24,85000 रुपए की जमीन की खरीद-बिक्री दिखायी गई। रिकॉर्ड रूम में जांच के दौरान पाया गया कि फर्जी तरीके से नीलामी पत्र में दूसरे का नाम चढ़ा दिया गया था। जांच में ईडी ने पाया है कि सीओ दिवाकर द्विवेदी और जयकुमार राम को जानकारी थी कि नीलामी पत्र फर्जी हैं, लेकिन इन्होंने जमीन की जमाबंदी कर दी।
कमलेश कुमार ने अपने सहयोगी प्रदीप साहू व अरविंद साहू के पूर्वज परसू साहू के नाम पर 38 एकड़ जमीन के लिए फर्जी नीलामी पत्र बनवाया था। दुखन साहू के नाम पर भी 15 एकड़ जमीन का फर्जी नीलामी पत्र बनाया गया था। इसकी कीमत 24.33 करोड़ आंकी गई। महावीर साहू के नाम पर बने फर्जी नीलामी पत्र के जरिए 11.43 एकड़ जमीन हड़पी गई, इसकी कीमत 14.73 करोड़ आंकी गई।
4.86 करोड़ का कमलेश ने किया ट्रांजेक्शन
ईडी के मुताबिक, कमलेश ने अरविंद साहू के नाम पर एचडीएफसी बैंक में खाता खोला था। 7 दिसंबर 2021 से 8 जुलाई 2024 तक इस खाते में 4.87 करोड़ जमा हुए थे, जबकि 4.86 करोड़ की निकासी की गई थी। अरविंद ने ईडी को बताया कि उसके नाम पर खोले गए बैंक खाता का इस्तेमाल कमलेश ही किया करता था।
कौन-कौन चार्जशीटेड
– कमलेश कुमार, जमीन कारोबारी
– दिवाकर प्रसाद सी द्विवेदी, पूर्व सीओ, कांके
– जयकुमार राम, सीओ कांके
– अमरेंद्र कुमार दूबे, जमीन कारोबारी
– रेखा देवी, जमीन कारोबारी