रांचीः झारखंड स्थापना दिवस और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर राजधानी रांची के बिरसा मुंडा पार्क में सैकड़ों लोगों को उस वक्त निराशा हाथ लगी जब इंट्री के लिए पचास रुपए टिकट लेने पड़े । परिवारों के साथ आए आदिवास समाज के लोगों को सैकड़ों रुपए खर्च करके श्रद्धांजलि देने के लिए जाना पड़ा।
स्थापना दिवस पर इंट्री टिकट से निराशा
जमुई में जिस बिरसा मुंडा पार्क और संग्रहालय का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे थे वहां लोगों को जाने के लिए इंट्री फ़ीस देनेी पड़ी । वो भी पचास रुपए । यहां तक की बच्चों से भी तीस रुपए का टिकट लिया गया । दूर- दराज से आए कई आदिवासियों को तो टिकट की क़ीमत सुन कर वापस लौटना पड़ा । परिवार के साथ पहुंचे लोगों को भी कम से कम पाँच सौ रुपए की चपत लग गई ।
इसी जेल में बिरसा मुंडा को रखा गया था
ग़ौरतलब की पुरानी जेल जिसे अब संग्रहालय का दर्जा दे दिया गया में बिरसा मुंडा ने अंतिम साँस ली थी। बिरसा मुंडा को यहीं के कक्ष संख्या चार में रखा गया गया था जहां अंग्रेजों ने इतना प्रताड़ित किया की उनकी मृत्यु हो गई। संग्रहालय में झारखंड के ज़्यादातर क्रांतिकारियों की विशाल मूर्तियां लगाई गई हैं ।
निजी कंपनी की मनमानी
बताया जा रहा है कि बिरसा मुंडा पार्क की देखभाल का ठेका निजी कंपनी को दिया गया है और मनमानी क़ीमत वसूलती है। छुट्टियों के दिन तो और भी ज्यादा पैसे लिए जाते हैं। टिकट का रेट फिक्स नहीं होने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ।