रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा अगले कुछ दिनों में हो सकती है। बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए एक बार फिर से चुनाव मैदान में उतरने के लिए तैयार है। 2019 में गठबंधन नहीं हो पाने की वजह से बीजेपी और आजसू अलग अलग होकर चुनाव लड़ी और इसका नुकसान हुआ कि बीजेपी सत्ता से बाहर हो गई और जेएमएम की सत्ता में वापसी हुई। इस बार बीजेपी आजसू के साथ साथ नीतीश कुमार और चिराग पासवान की पार्टी के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है लेकिन एक सीट को लेकर मामला अब भी फंसा हुआ है।
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बीजेपी के चुनाव सह प्रभारी हेमंता बिस्व सरमा में बीजेपी प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि आजसू 9 से 11 सीट, जेडीयू दो सीट और चिराग पासवान की पार्टी एक सीट पर चुनाव लड़ेगी इसकी लगभग सहमति बन गई है। चिराग पासवान के विदेश से आने के बाद इसको लेकर भी फैसला कर लिया जाएगा लेकिन एक सीट को लेकर आजसू के साथ अभी भी मामला फंसा हुआ है। उस एक सीट पर या तो आजसू या फिर बीजेपी को थोड़ा एडजस्ट करना पड़ेगा। वो एक सीट न तो बीजेपी छोड़ना चाह रही है और न ही आजसू। हालांकि हेमंता ने ये नहीं बताया कि वो एक सीट कौन सी है जिसको लेकर गठबंधन संकट में आ सकता है, लेकिन सूत्र बताते है कि वो सीट कोल्हान जुगसलाई सीट है जिसपर दोनों पार्टियों का दावा है। 2019 के चुनाव में जुगसलाई की सीट पर जेएमएम के मंगल कालिंदा चुनाव जीते थे और दूसरे नंबर पर बीजेपी के मुचिराम बौरा रहे थे जिन्हे 31 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि तीसरे नंबर पर तत्कालीन मंत्री और आजसू प्रमुख सुदेश महतो के करीबी राम चंद्र सहीस रहे रहे थे जिन्हे करीब 22 प्रतिशत वोट मिले थे। इस सीट पर दोनों पार्टियां दावेदारी छोड़ने को फिलहाल तैयार नहीं हो रही है। 2019 में लोहरदगा सीट को लेकर दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन टूट गया था इसलिए इस बार माना जा रहा है कि अगली बैठक में इस मुद्दे को भी बीजेपी आजसू के साथ बैठक करके सुलझा लेगी।