पटना / रांची : लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग शुक्रवार को होनी है, इससे पहले लालू यादव (lalu prasad yadav)की पार्टी RJD को बिहार से लेकर झारखंड तक झटके ही झटके लग रहे है। पार्टी के बड़े नेताओं का आरजेडी से बाहर जाने का दौर जारी है।
पार्टी उपाध्यक्ष ने छोड़ी RJD
शनिवार को पहला झटका झारखंड से लगा जहां पलामू के छतरपुर से पूर्व विधायक राधा कृष्ण किशोर (radha krishna kishor) ने आरजेडी से इस्तीफा दे दिया। छतरपुर से पांच बार के विधायक राधा कृष्ण किशोर अभी कुछ समय पहले ही आरजेडी में वापस आये थे। माना जा रहा है कि आरजेडी से ममता भुईयां को उम्मीदवार बनाये जाने के विरोध में उन्होने पार्टी छोड़ी है। राधा कृष्ण किशोर वैसे तो आरजेडी के अलावा बीजेपी और आजसू पार्टी में भी रह चुके है। आरजेडी छोड़ने के बाद एक बार फिर से उनके बीजेपी में शामिल होने के कयास लगाये जा रहे है।
वही बिहार में पार्टी के उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद देवेंद्र यादव (devendar yadav) ने आरजेडी से बुधवार को इस्तीफा दे दिया। वो झंझारपुर से कई बार सांसद रह चुके है। माना जा रहा है कि झंझारपुर सीट सहयोगी VIP को जाने और वहां से सुमन महासेठ को टिकट दिये जाने के विरोध में उन्होने पार्टी छोड़ी है। हालांकि इससे पहले वो पूर्णिया में पप्पू यादव (pappu yadav) के समर्थन में प्रचार करते हुए नजर आये थे जिसके बाद ही स्पष्ट हो गया था कि वो अब आरजेडी में ज्यादा दिनों मेहमान नहीं है।
कई दिग्गज पहले ही छोड़ चुके है साथ, कई लगे है लाइन में
चुनाव से पहले आरजेडी छोड़ने वालों की लंबी लाइन लगी हुई है। इससे पहले पूर्व राज्यसभा सांसद अहमद अशफाक करीम और पूर्व मंत्री वृषिण पटेल जैसे वरिष्ठ नेता भी पार्टी छोड़कर दूसरे दलों में शामिल हो चुके है। वही भागलपुर से सांसद रहे बुलो मंडल (bulo mandal) भी आरजेडी छोड़ने की तैयारी में है। 2019 के चुनाव में आरजेडी ने उन्हे भागलपुर से चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन उन्हे जेडीयू उम्मीदवार के हाथों शिकस्त खानी पड़ी थी, 2014 के चुनाव में भागलपुर की सीट कांग्रेस के खाते में जा चुकी है जहां से अजीत शर्मा कांग्रेस के उम्मीदवार है। ऐसे में अपनी नई राजनीतिक पारी वो जेडीयू के साथ शुरू करने की तैयारी कर रहे है।







