रांची : साहिबगंज में 1250 करोड़ के अवैध खनन मामले में हटिया डीएसपी प्रमोदी कुमार से प्रवर्तन निदेशालय की टीम पूछताछ कर रही है। इससे पहले भी ईडी उनसे दो बार पूछताछ कर चुकी है।
प्रमोद मिश्रा साहिबगंज में डीएसपी रहते हुए अवैध खनन के मामले में ईडी के रडार पर आए थे ।धुर्वा थाने में ईडी के गवाह विजय हांसदा से जुड़े केस में जिसमें ईडी के अफसरों को आरोपी बनाया गया था, उस केस का अनुसंधान भी प्रमोद मिश्रा कर रहे हैं ।डीएसपी प्रमोद मिश्रा झारखंड के चर्चित पुलिस अफसर रहे हैं ।साहिबगंज में पोस्टिंग के दौरान वे कई विवादों में भी घिरे रहे, सरकार ने कुछ दिन पूर्व ही उन्हें रांची के हटिया डीएसपी का पदभार दिया है।
ईडी ने साहिबगंज में अवैध खनन की जांच के दौरान बरहरवा टोल विवाद का मुख्य कारण वैध-अवैध खनिजों की ढुलाई को माना था।वहीं खनन क्षेत्र से खनिजों को निकाल कर मुख्य मार्ग तक पहुंचाने के लिए बरहरवा पंचायत के टोल से होकर गुजरना पड़ता था। इसी को लेकर बरहरवा टोल पर कब्जा करने के लिए विवाद हुआ था. इस मामले में थाने में एक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी, लेकिन पुलिस ने इस मामले में 24 घंटे के अंदर ही पंकज मिश्रा और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को क्लीन चिट दे दी थी ।इस मामले को अपने हाथ में लेते हुए ईडी ने पहले बरहरवा कांड के जांच अधिकारी सरफुद्दीन खान को समन किया था ।सरफुद्दीन खान ने इडी को दिये बयान में यह स्वीकार किया था कि डीएसपी प्रमोद मिश्रा ने प्राथमिकी दर्ज होने के 24 घंटे के अंदर सुपरविजन नोट जारी कर पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम को निर्दोष बताया था।