रांचीः झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की ओर से जातिगत जनगणना में सरना धर्म कोड का कॉलम दिये जाने की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने जेएमएम और कांग्रेस घेरा। उन्होने कहा कि सरना धर्म को मामने वाले बहुत तेजी से ईसाई बन रहे है, सरना तभी बचेगा न जब आदिवासी समाज के लोग ईसाई धर्म नहीं अपनाएंगे। जब सब ईसाई ही बन जाएंगे तो सरना जातिगत जनगणना में लिखेगा कौन।
JAC 10th Result 2025:झारखंड बोर्ड का रिजल्ट हो गया जारी, 91.71 %छात्रों को मिली सफलता, गढ़वा की गीताजंली बनी टॉपर
मरांडी ने कहा कि धर्मपरिवर्तन झारखंड के लिए बड़ी समस्या है बनी हुई है, इसलिए रघुवर दास की सरकार विधेयक लेकर भी आई थी। उन्होने कहा कि 2011 के जातिगत के अनुसार झारखंड में आदिवासी समाज के 15.48 प्रतिशत आबादी ईसाई बन चुकी है। उरांव में लगभग 26 प्रतिशत, मुंडा में करीब 33 प्रतिशत, खरिया में 67 प्रतिशत से ज्यादा, हो में 2 प्रतिशत से अधिक और संथाल में लगभग एक प्रतिशत आबादी ईसाई धर्म अपना चुकी है।
Khan Sir ने चुपके से कर ली शादी, कोचिंग क्लास में किया खुलासा, जानिये कौन है उनकी दुल्हन
बाबूलाल ने कहा कि अब जो जातिगत जनगणना होगा उसमें पता चलेगा कि कितनी आदिवासी आबादी ईसाई बन चुकी है। जब सब ईसाई ही बन जाएंगे तो सरना बचेगा कहा। जो मरांगी बरू को मानते है जो सरना मां को मानते है, जब ये ईसाई बन जाते है तो इन सबकी पूजा बंद कर देते है। आज जिस तरह से धर्मांतरण हो रहा है उसे सरकार को रोकना चाहिए, नहीं तो झारखंड में आदिवासी कहां बचेगा, सरना धर्म को लिखेगा। अगर सरना के लिए सरकार चिंतिंत है तो उन्हे ये करना चाहिए, सरकार में बैठे हुए दोनों दल जो प्रदर्शन कर राजनीतिक हथकंडा दिखा रहे है उन्हे बंद करनी चाहिए। हेमंत सोरेन और राहुल गांधी को यहां की जो 30-32 जातियां उन्हे बचाने के लिए काम करना चाहिए।
रांची में ट्रिपल मर्डर, मैक्लुस्कीगंज में पति ने पत्नी और दो बच्चों की कर दी निर्मम हत्या
बाबूलाल मरांडी के इस बयान पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पलटवार करते हुए 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को लिखी गई चिट्ठी को सार्वजनिक किया जिसमें उन्होने सरना धर्म कोड की मांग की थी। तत्कालीन जेवीएम अध्यक्ष होने के नाते बाबूलाल मरांडी ने 19 मार्च 2018 को रघुवर दास को चिट्ठी लिखी थी जिसमें उन्होने सरना धर्म को एक अलग धर्म बताया था।
.@yourBabulal जी, कभी तो अपने बातों के प्रति तटस्थ रहिए।
आज जो आप मुखर हो कर सरना आदिवासी धर्म कोड का विरोध कर रहे हैं - क्या यही आपकी सच्चाई है ?
क्यूंकि कुछ वर्ष पहले तक आप हमारे इस माँग के ध्वजवाहक बनना चाहते थे
फिर यह पलटी क्यों ?
अच्छा पलटने से याद आया - यह तो आपको… pic.twitter.com/aBRygqTETv
— Jharkhand Mukti Morcha (@JmmJharkhand) May 27, 2025