बोकारो: हेमंत सोरेन की मंईया सम्मान योजना(JMMSY) में सेंध लगाने की कोशिश का खुलासा हुआ है । एक ही बैंक खाते के जरिए अलग-अलग स्थानों से आवेदन दिए गए हैं। इस तरह के कुल 94 आवेदनों का फिलहाल खुलासा हुआ है । बोकारो जिले में इस खुलासे के बाद प्रशासनिक महकमे में जबरदस्त हड़कंप है ।
मंईयां सम्मान योजना में लूट की कोशिश
दरअसल मंईया सम्मान योजना(JMMSY) के फिजिकल वेरिफिकेशन में यह खुलास हुआ है। बोकारो की उपायुक्त विजया जाधव के निर्देश पर सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा लाभुकों के भौतिक सत्यापन में एक ही बैंक खाता नंबर का इस्तेमाल कर अलग–अलग नामों से 94 बार आवेदन किए जाने की जानकारी सामने आई ।
इन प्रखंडों में दिए गए फर्जी आवेदन
जिला प्रशासन ने जो जांच किया उसके मुताबिक फर्जीवाड़ा अलग–अलग प्रखंडों से किया गया, जिसमें 49 बार चंदनकियारी, 20 बार कसमार, 12 बार बेरमो, 7 बार गोमिया, 2-2 बार चास और नावाडीह तथा 1-1 बार चास नगर निगम और चंद्रपुरा प्रखंड से आवेदन किए गए।
इंडसइंड बैंक के हैं खाते
जांच के दौरान यह पाया गया कि इन सभी आवेदनों के लिए इंडसइंड बैंक के एक ही खाते का उपयोग किया गया। यह आवेदन पलामू जिले और बिहार के किशनगंज में स्थित कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालकों द्वारा किए गए थे।
मंईयां सम्मान के फॉर्म यहां से भरे गए
तीन अलग–अलग सीएससी केंद्रों से यह आवेदन दर्ज किए गए, जिनके विवरण इस प्रकार हैं:
- सीएससी आईडी: 243621130028
- ऑपरेटर: विक्कु कुमार रवि
- पैरेंट आईडी: उपेंद्र प्रसाद
- स्थान: जिला पलामू
- मोबाइल: 8873482243
- सीएससी आईडी: 542316220013
- ऑपरेटर: सुमित कुमार
- पैरेंट आईडी: सुमित कुमार
- स्थान: जिला पलामू
- मोबाइल: 9122397271
- सीएससी आईडी: 423664770011
- ऑपरेटर: फरयाद आलम
- पैरेंट आईडी: फरयाद आलम
- स्थान: किशनगंज, बिहार
एक खाता,अलग -अलग नाम
सत्यापन में यह सामने आया कि बैंक खाता संख्या 100253493007, जिसके खाताधारक का नाम सुफनी खातुन (पता – मोतिविट्टा, कांटी, झारगांव, उत्तर दिनाजपुर, पश्चिम बंगाल) था, का इस्तेमाल 94 बार अलग–अलग नामों से आवेदन करने के लिए किया गया।
साथ ही, फर्जी राशन कार्ड नंबर भी दर्ज किए गए थे, जिसकी पुष्टि जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने की। सभी आवेदकों के उपनाम में मुर्मू, हांसदा, मंडल जैसे आदिवासी समुदाय से जुड़े नामों का उपयोग किया गया। 31 अक्टूबर और 1 नवंबर 2024 को कई बार यह फर्जी आवेदन भरे गए।
एफआईआर दर्ज करने के आदेश
उपायुक्त विजया जाधव ने इस फर्जीवाड़े को गंभीरता से लेते हुए खाताधारक और अन्य दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है।
फंड ट्रांसफर होते-होते बचा
योजना के तहत कुछ आवेदनों को बीडीओ/सीओ स्तर से स्वीकृत कर दिया गया था। हालांकि, उपायुक्त के निर्देश पर सामाजिक सुरक्षा विभाग ने एक ही बैंक खाते से बार–बार किए गए आवेदनों को संवीक्षा के बाद अस्वीकृत कर दिया, जिससे राशि का हस्तांतरण नहीं हो सका।
बोकारो में 11,200 डुप्लीकेट आवेदन मिले
योजना के सत्यापन में बोकारो जिले में कुल 11,200 डुप्लीकेट आवेदन मिले हैं, जिनका पुनः आंगनबाड़ी कर्मियों द्वारा भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। सत्यापन के बाद दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।